जालंधर, 31 अगस्त (कबीर सौंधी) : अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकार के दौरान पिछले 15 साल से जालंधर RTA में चल रही करोड़ों रुपए की धांधली सामने आ रही है। सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार किसी सरकार ने जालंधर के RTA में फैली दलाली और घोटाले की जांच शुरू करवाई, लेकिन अब इस जांच में कई उच्च अधिकारी, पुलिस अधिकारी, नेता और विजीलैंस के कुछ मुलाजिम फंसते नजर आ रहे हैं, जिससे विजीलैंस के उच्च अधिकारियों के होश उड़ गए हैं।
जालंधर में पिछले 15 साल से मोटर व्हीकल इंस्पैक्टर (MVI) के पद पर काबिज रहने लाले नरेश कलेर के करप्शन की जड़ें इतनी गहरी हैं कि इसमें कांग्रेस, अकाली औऱ भाजपा के कई नेताओं के साथ साथ कई आईएएस, पीपीएस, आईपीएस, पीपीएस अफसरों के चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। इतन बड़े स्तर पर फैले इस करप्शन की जांच में कई चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं।
सूत्र बता रहे हैं कि नरेश कलेर के लिए सबसे बड़े दलाली का काम संगम कार बाजार का मालिक संजय मेहता करता था। नरेश कलेर के एक दलाल के घर से मिली डायरी में कई अधिकारियों और नेताओं के नाम लिखे हैं, जिन्हें वह हर महीने मोटी फीस अदा करता था। संगम कार बाजार का मालिक दस्तावेजों में हेरफेर कर रोज लाखों रुपए की कमाई करता था, जिसमें नरेश कलेर और उनके एजैंट की मिलीभगत थी।
विजीलैंस द्वारा जालंधर के सबसे बड़े दलाल संगम कार बाजार के मालिक संजय मेहता के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज किए जाने के बाद जिले के कई अधिकारियों के चेहरे पीले पड़ गए हैं। यही नहीं चंडीगढ़ बैठे कई उच्च अधिकारी भी परेशान नजर आ रहे हैं। क्योंकि संजय मेहता की इन पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सीधी सांठगांठ थी।
एफआईआऱ दर्ज होने के बाद संजय मेहता गायब हो गया है। सूत्र बता रहे हैं कि उसका परिवार विदेश में रहता है, शायद वह विदेश भागने की फिराक में है, या फिर विदेश भाग चुका है। विजीलैंस संजय मेहता के ठिकाने पर लगातार दबिश दे रही है। लेकिन संजय मेहता गायब है। आपको बता दें कि विजीलैंस ने RTA घोटाले में एमवीई नरेश कलेर के साथ संजय मेहता, शेरू, लवली, परमजीत बेदी, राजेश व सुरजीत को नामजद किया है।