जालंधर, 07 नवंबर (धर्मेंद्र सौंधी) : एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर के डिपार्टमेंट ऑफ परफोर्मिंग आर्ट्स द्वारा संगीतमय प्रस्तुति का आयोजन किया गया जिसमें सरोद पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके श्री अर्णबभट्टाचार्य एवं तबले पर सबको अपनी प्रस्तुति से आत्मविभोर करने वाले नीलिमेश चक्रबोर्ती उपस्थित हुए।
प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने इस अवसर पर एपीजे एजुकेशन सोसाइटी की डायरेक्टर डॉ सुचरिता शर्मा का स्वागत करते हुए कहा कि कला-पारखी के रूप में कॉलेज को बुलंदियों तक पहुंचाने में इन्होंने जो अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है वह ना केवल सराहनीय है बल्कि अनुकरणीय भी है।
दोनों संगीत साधकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि एपीजे कॉलेज के विद्यार्थियों का यह सौभाग्य है कि उन्हें संगीत में सिद्धहस्त लोगों की कला -साधना को प्रत्यक्ष देखने का अवसर निरंतर प्राप्त होता रहा है और भविष्य में भी हमारा यही प्रयास रहेगा कि हम संगीत जगत के प्रतिष्ठित कलाकारों को अपनी कॉलेज भी हमेशा आमंत्रित करते रहें।
श्री अर्णब भट्टाचार्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमें उस कॉलेज में आने का अवसर प्राप्त हुआ है जहां के कण- कण में संगीत समाया हुआ है। श्री नीलिमेश ने संगीत के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संगीत सीखना एक या दो दिन की बात नहीं है बल्कि यह साधना है इसमें निरंतरता चाहिए और संगीत जगत में वही आए जिनमें धैर्य और जुनून हो।
संगीत जोड़ी ने राग बैरागी में आलाप, जोड़ालाप से प्रारंभ करते हुए तीन ताल में निबद्ध विलंबित गत की प्रस्तुति की फिर एक ताल में निबद्ध द्रुतगत की शानदार प्रस्तुति करते हुए उन्होंने पूरे माहौल को संगीतमय कर दिया। संगीत के विद्यार्थियों ने दोनों प्रतिष्ठित कलाकारों के सामने अपनी कई जिज्ञासाएं रखी जिनका उन दोनों ने संतोषप्रद उत्तर दिया।
प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने इस संगीतमयी कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए कॉलेज के कल्चरल कोऑर्डिनेटर डॉ अरुण मिश्रा एवं म्यूजिक वोकल विभाग की अध्यक्ष डॉ अमिता मिश्रा के प्रयासों की सराहना की।