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शिरोमणी अकाली दल ने चुनौती स्वीकारी, भाजपा ने खालसा पंथ की पवित्र संस्थाओं पर सीधा हमला किया : सुखबीर सिंह बादल

सिरसा की घटना किसानों के मुददे पर सिद्धांतों पर खड़ी शिरोमणी अकाली दल के लिए भाजपा के बदले का हिस्सा

 

 

अकाली दल दमन के आगे नही झूकेगा, मुगलों ने कोशिश की, अंग्रेजों ने कोशिश की, इंदिरा जैसी कांग्रेसी हुक्मरानों ने कोशिश की, भाजपा को भी आजमाने दीजिए ,उन्हे जल्द पता चल जाएगा कि वे किसके खिलाफ कोशिशें कर रहे

 

करतारपुर/जालंधर, 02 दिसंबर (धर्मेंद्र सौंधी) : भाजपा और केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज मनजिंदर सिंह सिरसा के भाजपा में जाने को बलपूर्वक और गंदे हथकंडों को ‘खालसा पंथ’ सिख धार्मिक संस्थाओं और शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक संस्थाओं पर सीधा हमला करार दिया है।

सरदार बादल ने यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा ,‘‘ यह हमारे सिद्धांतों पर डटकर खड़े होने, उनके साथ गठबंधन तोड़ने और किसानों के खड़े होने तथा मंत्रिमंडल छोड़ने के लिए हमारे खिलाफ भाजपा का बदला है। लेकिन हमें किसी बात का कोई मलाल नही है। वास्तव में , हमने जो किया हमें उस बात पर बहुत गर्व है। हमें परवाह नही है कि सिद्धांतो पर खड़े होने के क्या परिणाम होंगें। सरदार बादल ने कहा कि हम दमन ,अत्याचार और षडयंत्रों के लिए तैयार हैं तथा उन्हे हर हालत में हरांएगें’’।

अकाली दल अध्यक्ष ने आगे कहा , ‘‘ यह नया हमला दमन, अत्याचार और साजिश की पुरानी रणनीति का सिलसिला है। यह भावना मिरी पीरी के सिद्धांत का प्रतीक है, जिसका अकाली दल हमेशा समर्थन करता आया है और आगे भी करता रहेगा। ‘‘ उन्हे सब कुछ करने की कोशिश करने दो। दमन हमें तोड़ नही सकता। मुगलों ने कोशिश की, अंग्रेजों ने कोशिश की, इंदिरा गांधी सहित कांग्रेसी हुक्मरानों ने कोशिश की। पूरी दुनिया जानती है कि क्या परिणाम हुआ था। अकाली दल अध्यक्ष ने घोषणा की कि इस बार भी अलग नही होगा’’।

सरदार बादल ने कहा कि भाजपा सरकार लोकतांत्रिक विपक्ष, विशेषकर अल्पसंख्यकों से निपटने के लिए सत्ता का दुरूपयोग करने के मामले में निम्न स्तर पर गिर रही है। उन्होने कहा, ‘‘ उन्होने सिरसा के सिर पर बंदूक तान दी और उसे जेल और भाजपा में शामिल होने के बीच एक का चयन करने के लिए कहा। मैं इतना निराश और दुखी हूं कि दमन के खिलाफ अपने धर्म की परंपराओं के प्रति सच्चे होने के बजाय सिरसा ने झूकना चुना। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है,खासकर किसी ऐसे व्यक्ति की ओर से जिसे सिखों और अकाली दल ने इतना सम्मान दिया है’’।

सरदार बादल ने बताया कि शिरोमणी अकाली दल(दिल्ली यूनिट) के अध्यक्ष जत्थेदार हरमीत सिंह कालका और डीएसजीएमसी के 11 अन्य सदस्यों के खिलाफ इसी तरह के मामले दर्ज किए गए हैं। ‘‘ मुझे गर्व है कि उन सभी ने खालसा की परंपराओं को कायम रखा और दुश्मनों से समझौता करने के बजाय अत्याचारी से लड़ने का फैसला किया। सिख जनता की नजर में वे नायक के रूप में उभरे हैं। पार्टी के अध्यक्ष के रूप में जिसे दिल्ली सिख संगत ने डीएसजीएमसी चुनावों में विश्वास से सम्मानित किया, मुझे उन यौद्धाओं पर गर्व है’’।

सरदार बादल ने कहा कि सिरसा के शिरोमणी अकाली दल छोड़ने से पंजाब में मामूली लहर भी पैदा नही होगी, क्योंकि पंजाब में उनका अनुसरण करने वाला नही है। ‘‘ पंजाब में हर कोई जानता है कि उनकी यहां कोई जड़े नही हैं’’ यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा अन्य अकाली नेताओं को भी निशाना बनाया जा सकता है। सरदार बादल ने कहा कि वे किसी भी हालत में नही रूकेंगें। ‘‘ हम खालसा पंथ के दुश्मनों के हर दमनकारी उपाय का सामना करने की हिम्मत रखते हैं। वे पता लगांएगें कि वे किसके खिलाफ हैं। हम चुनौती और दबाव में भी हमेशा आगे बढ़ते रहे हैं‘‘।

इससे पहले करतारपुर विधानसभा हलके में शिअद-बसपा गठबंधन प्रत्याशी एडवोकेट बलविंदर कुमार के लिए चुनाव प्रचार करते हुए अकाली दल अध्यक्ष का गर्मजोशी से स्वागत किया गया, केसरी और नीले झंडे के साथ मोटरसाइकिल सवार सैंकड़ों नौजवान सरदार सुखबीर सिंह बादल को अलग अलग स्थानों पर ले गए। दौरे के दौरान सरदार बादल ने डेरा सचखंड बालां, डेरा प्रीतम दास जी, गुरुद्वारा शहीदां, सरमस्तपुर, गुरुद्वारा श्री गंगसर साहिब में भी माथा टेका और एक गौशाला का भी दौरा किया। उन्होने करतारपुर शहर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

शिअद अध्यक्ष ने दिन भर विभिन्न सार्वजनिक सभाएं की और दोआबा हलके की पूरी पार्टी लीडरशीप के साथ मीटिंग की, जहां उन्होने सभी को पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया और मोगा में शिरोमणी अकाली दल की शताब्दी समारोह रैली के लिए योजनाओं को सांझा किया। पार्टी अध्यक्ष के साथ पवन टीनू, जगबीर सिंह बराड़ और दलबीर सिंह माहल भी मौजूद थे।

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