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शनिदेव मकर व कुम्भ राशि के स्वामी हैं : नवजीत भारद्वाज

जालंधर (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में श्री शनिदेव महाराज जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। मां बगलामुखी धाम के संचालक एवं संस्थापक नवजीत भारद्वाज ने बताया कि पिछले 11 वर्षों से श्री शनिदेव महाराज के निमित्त हवन यज्ञ जो कि नाथां बगीची जेल रोड़ में हो रहा था इस महामारी के कारण वश अल्पविराम आ गया था अब यह हवन पिछले लगभग 4 महीने से मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत पंडित अविनाश गौतम एवं पंडित पिंटू शर्मा ने मुख्य यजमान श्वेता भारद्वाज से हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाई । इस सप्ताह शनिदेव महाराज जी के जप उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई।

हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते हुए कहा कि शनि भगवान सूर्य तथा छाया के पुत्र हैं। इनकी दृष्टि में जो क्रूरता है, वह इनकी पत्नी के शाप के कारण है। ब्रह्मपुराण के अनुसार, बचपन से ही शिनदेव भगवान श्रीकृष्ण के भक्त थे। बड़े होने पर इनका विवाह चित्ररथ की कन्या से किया गया। इनकी पत्नी सती-साध्वी और परम तेजिस्वनी थीं। एक बार पुत्र-प्राप्ति की इच्छा से वे इनके पास पहुचीं पर ये श्रीकृष्ण के ध्यान में मग्न थे। इन्हें बाह्य जगत की कोई सुधि ही नहीं थी। पत्नी प्रतिक्षा कर थक गयीं तब क्रोधित हो उसने इन्हें श्राप दे दिया कि आज से तुम जिसे देखोगे वह नष्ट हो जाएगा। ध्यान टूटने पर जब शनिदेव ने उसे मनाया और समझाया तो पत्नी को अपनी भूल पर पश्चाताप हुआ, किन्तु शाप के प्रतिकार की शक्ति उसमें ना थी। तभी से शनिदेव अपना सिर नीचा करके रहने लगे। क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनके द्वारा किसीका अनिष्ट हो। नवजीत भारद्वाज ने कहा कि शनि के अधिदेवता प्रजापति ब्रह्मा और प्रत्यधिदेवता यम हैं। इनका वर्ण इन्द्रनीलमणी के समान है।

वाहन गीध तथा रथ लोहे का बना हुआ है। ये अपने हाथों में धनुष, बाण, त्रिशूल तथा वरमुद्रा धारण करते हैं। शनि महाराज एक-एक राशि में तीस-तीस महीने रहते हैं। शनिदेव मकर व कुम्भ राशि के स्वामी हैं तथा इनकी महादशा 19 वर्ष की होती है।
इस अवसर पर श्रीकंठ जज, मन्नु छाबड़ा,सुनील वर्मा,रोहित मल्होत्रा, हैरी शंकर शर्मा,इंस्पेक्टर मुकेश कुमार, मनीष शर्मा,रोहित मल्होत्रा, गुलशन शर्मा, अश्विनी शर्मा धूप वाले,स्वर्ण सिंह, विनोद लूथरा, संजीव शर्मा,गुरबाज सिंह,विनीत, अंकुश,बलजिंदर सिंह, इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह, रोहित बहल ,यज्ञदत्त, मुकेश चौधरी, अवतार सिंह,पंकज,राजेश महाजन,बावा खन्ना, मोहित बहल,पुनीत डोगरा,संजय, बलदेव राज, सोनू छाबड़ा, अशोक शर्मा, प्रिंस, चांद पटानीया ,राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, इकबाल,प्रवीण, बल्लू हंस, सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।

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