लुधियाना, 06 सितंबर (ब्यूरो) : पंजाब के लुधियाना में CM भगवंत सिंह मान की सुरक्षा में तैनात एक महिला पुलिसकर्मी के भाई और भाभी से ठगी का मामला सामने आया है। विदेश भेजने के नाम पर ठग ट्रैवल एजैंट भाई-बहन ने महिला पुलिस कर्मी से लाखों रुपए ठगे हैं।
सीएम सिक्योरिटी में तैनात महिला पुलिसकर्मी के अनुसार ठग ट्रैवल एजैंट ने उसके भाई और मां के लिए UK VISA की व्यवस्था करने के नाम पर 14.30 लाख रुपए की ठगी की थी। पुलिस ने ट्रैवल एजैंट से कुल 1.07 करोड़ रुपए नकद बरामद किए हैं। आरोप है कि ये रुपए उन्होंने लोगों को धोखा देकर कमाए थे।
Globalway Immigration Services के एजैंट ने की ठगी
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दुगरी फेज 1 की 38 वर्षीय वीनू मल्होत्रा और उनके 39 वर्षीय भाई अमित मल्होत्रा के रूप में हुई है। दोनों मॉडल टाउन के इश्मीत चौक के पास ग्लोबल वे इमिग्रेशन सर्विसेस के नाम से अपना इमिग्रेशन कारोबार चला रहे थे। कई शिकायतों के बाद जिला प्रशासन पहले ही फर्म का लाइसेंस रद्द कर चुका था।
विदेश भेजने के नाम पर 14.30 लाख ठगे
ADCP शुभम अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री सुरक्षा में तैनात मोहाली फेज-8 की रवनीत कौर के बयान के बाद शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपी ने यूके वीजा की व्यवस्था करने के नाम पर उसके भाई जगदीप सिंह और उसकी पत्नी सुखवीर कौर से 14.30 लाख रुपए की ठगी की थी।
ADCP अग्रवाल ने कहा कि मॉडल टाउन पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 और धारा 24 के तहत शिकायत दर्ज की है। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने कई लोगों से उनकी मेहनत की कमाई को ठगा है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1.07 करोड़ रुपए नकद बरामद किए हैं।
वीजा आने के बाद शुल्क लेंगे
मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन की SHO सब-इंस्पेक्टर अवनीत कौर ने कहा कि आरोपी यह दावा करके लोगों को फंसाते थे कि वे उनके वीजा आने के बाद शुल्क लेंगे, लेकिन बाद में यह दावा करके उनसे पैसे वसूलते थे कि उनकी फाइलों में दस्तावेज अधूरे हैं।
थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपियों से और भी बरामदगी की उम्मीद है। महिला वीनू मल्होत्रा पर पहले से तीन मामले दर्ज है। इससे पहले 12 अगस्त को संगरूर के धूरी के हरदीप सिंह और उनकी पत्नी अमनदीप कौर इसी कंपनी पर 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए इश्मीत चौक के पास पानी की टंकी पर चढ़ गए थे।
शिकायतकर्ता ने कहा कि आव्रजन फर्म ने उनके लिए इंग्लैंड का वीजा सुरक्षित करने के लिए 10 लाख रुपए के अग्रिम भुगतान के साथ 26 लाख रुपए की मांग की थी। उन्होंने इस साल फरवरी में आरटीजीएस के जरिए 10 लाख रुपए का भुगतान किया। हालांकि, जब वीज़ा पर अपडेट के लिए संपर्क किया गया तो कंपनी प्रक्रिया में देरी करती रही और बहाने बनाती रही।
फर्म का लाइसेंस रद्द कर दिया
बाद में आरोपी ने पैसे लौटाने से इनकार कर दिया। पुलिस ने उन्हें शांत कराया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। घटना के एक दिन बाद जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ कई शिकायतों के बाद 13 अगस्त को फर्म का लाइसेंस रद्द कर दिया था।