चंडीगढ़, 18 जुलाई (ब्यूरो) : पंजाब विजीलैंस ब्यूरो की विशेष जांच टीम ने आज पर्लज़ ऐगरोटैक कार्पोरेशन लिम. (पी.ए.सी.एल.) घोटाले के सम्बन्ध में जाली दस्तावेज़ तस्दीक करने के दोष में चार्टर्ड अकाऊंटैंट जसविन्दर डांग निवासी लुधियाना को गिरफ़्तार किया है। इस संबंधी जानकारी देते विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि यह गिरफ़्तारी आई.पी.सी. की धारा 406, 420, 465, 467, 468, 471, 384, 120-बी अधीन की गई है। उन्होंने बताया कि पी.ए.सी.एल. की एक्स्ट्रा औरडनरी जनरल मीटिंग (ई.ओ.जी.एम.) जयपुर (राजस्थान) में इसके रजिस्टर्ड दफ़्तर में हुई दिखाई गई थी, जबकि यह दफ़्तर 7-8 सालों से बंद पड़ा था और फर्जी दस्तावेज़ों का प्रयोग करके पी.ए.सी.एल. के तीन नए डायरैक्टरों की नियुक्ति भी की गई थी।
चार्टर्ड अकाऊंटैंट जसविन्दर सिंह डांग ने सह मुलजिमों के साथ साजिश रचकर फ़र्ज़ी दस्तावेज़ तस्दीक किए और तीन नए डायरैक्टरों हिरदेपाल सिंह ढिल्लों, सन्दीप सिंह माहल और धरमिन्दर सिंह संधू की नियुक्ति सम्बन्धी दस्तावेज़ कॉर्पोरेट मामलों बारे मंत्रालय की वैबसाईट पर अपलोड किए। हालांकि सच्चाई यह है कि उसको पता था कि यह मीटिंग वास्तव में हुई ही नहीं थी। प्रवक्ता ने बताया कि वह इस बात से भी भली-भाँति अवगत था कि लगभग 5 करोड़ गरीब और भोले-भाले निवेशकों ने पी.ए.सी.एल. में लगभग 50,000 करोड़ रुपए का निवेश किया है। ज़िक्रयोग्य है कि पी.ए.सी.एल. लिम. की जायदादों को बेचने और बिक्री से होने वाली कमाई पी.ए.सी.एल. लिम. में निवेश करने वाले निवेशकों को वापस करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के हुक्मों पर सेबी की तरफ से जस्टिस (सेवामुक्त) आर. एम. लोढा की अध्यक्षता अधीन एक कमेटी गठित की गई है।