चंडीगढ़, 31 मार्च (ब्यूरो) : लोकसभा सांसद और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के मुखिया सिमरजीत सिंह मान ने भगोड़े अमृतपाल सिंह को पाकिस्तान जाने की सलाह दी है.
सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि अमृतपाल को सरेंडर नहीं करना चाहिए. उसे रावी नदी पार करके पाकिस्तान चले जाना चाहिए.
संगरूर से लोकसभा सांसद मान ने कहा, हम 1984 में भी पाकिस्तान गए थे. क्या हम नहीं गए थे?
मान ने एक मीडिया संस्थान से इंटरव्यू में ये बातें कहीं. कहा कि अमृतपाल को नेपाल जाने की क्या जरूरत है. उन्हें पड़ोसी मुल्क (पाकिस्तान) चले जाना चाहिए.
पाकिस्तान भागने को बताया सही
जब उनसे पूछा गया कि क्या अमृतपाल का पाकिस्तान भाग जाना जायज है तो मान ने कहा कि उनकी जिंदगी खतरे में है. सरकार जुल्म कर रही है तो यह सिख इतिहास के हिसाब से जायज है.
सिमरनजीत सिंह मान की टिप्पणी 1984 की घटनाओं की तरफ इशारा थी जब सिख विरोधी दंगे हुए थे. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जनरैल सिंह भिंडरावाले और उसके खालिस्तानी सहयोगियों का सफाया करने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार का आदेश दिया था.
इसके बाद भारतीय सेना अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में घुसी थी. बाद में इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई थी. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बड़े पैमाने पर सिख विरोधी दंगे हुए थे.
ऑपरेशन अमृतपाल का 14वां दिन, सर्च जारी
वारिस पंजाब दे का चीफ खालिस्तान समर्थक अमृतपाल 14वें दिन भी फरार है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अमृतपाल के धार्मिक स्थलों में छुपने का इनपुट मिला है।
जिसके बाद अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर समेत पंजाब के सभी धर्मस्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पंजाब के 300 से ज्यादा डेरों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पुलिस के टारगेट पर जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर और बठिंडा के डेरे हैं।
इसके लिए ड्रोन की भी मदद ली जा रही है। पुलिस एक स्विफ्ट कार की तलाश कर रही है। जिसमें होशियारपुर में इनोवा छोड़ अमृतपाल फरार हुआ।
राज्य में ही पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस फेल
अमृतपाल सिंह क मामले में पंजाब के अंदर ही पुलिस की इंटेलिजेंस पूरी तरह से फेल नजर आ रही है। पहले अमृतपाल पुलिस के घेरे को तोड़ भागने में सफल रहा। फिर उसके बाद जब नेपाल के अंदर, भारत-नेपाल बॉर्डर पर सख्ती हुई तो अमृतपाल को पंजाब में आना ही बेहतर लगा।
लेकिन, जिस तरह बीते दो दिनों से लगातार अमृतपाल सिंह की ऑडियो-वीडियो सामने आई है. यह पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस का फेलियर है।
इनपुट्स हैं कि अमृतपाल सबसे पहले उत्तराखंड की स्कॉर्पिया कार में पंजाब आया। यहां इनोवा कार में बैठा, लेकिन पुलिस से पकड़े जाने से पहले उसने एक और कार बदल ली।
पुलिस अमृतपाल के मामले में पूरी तरह से क्लू-लैस हो चुकी है। जिसके बाद अब होशियारपुर के बाद फगवाड़ा और जालंधर में भी सख्ती कर दी गई है।
डेरे के जत्थेदार मान सिंह ने बताया स्कॉर्पियो का राज
पुलिस ने बीते दिन जालंधर से उस स्कॉर्पियो कार को बरामद कर लिया, जिसमें अमृतपाल सिंह पंजाब आया था। यह गाड़ी उत्तराखंड के एक डेरे के नाम पर रजिस्टर्ड है।
डेरे के जत्थेदार मान सिंह ने बताया कि 6 महीने पहले इस कार को कोई सेवादार ले गया था।
उसके बाद यह कार डेरे में वापस नहीं आई। इतना ही नहीं, जो सेवादार इस कार को डेरे से ले गया था, वे भी मिसिंग बताया जा रहा है।
सरेंडर कर सकता है अमृतपाल
मान की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब ऐसी अटकलें हैं कि खालिस्तानी अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह अमृतसर में अकाल तख्त, बठिंडा में तख्त दमदमा साहिब या आनंदपुर साहिब के तख्त केशगढ़ साहिब में से किसी एक जगह पर सरेंडर कर सकता है.
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ 18 मार्च को बड़ा अभियान शुरू किया था. तब से अमृतपाल सिंह भागा-भागा फिर रहा है।
एक दिन पहले गुरुवार (30 मार्च) को उसने एक वीडियो जारी किया था जिसमें उसने खुद को बागी बताया था।