
पटना, 26 फरवरी (ब्यूरो) : बिहार में 13 महीने के दौरान तीसरी बार मंत्रीमंडल का विस्तार किया गया है। इस दौरान एक मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बुधवार को नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। 7 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इनमें से 4 मिथिलांचल इलाके से हैं।
इन्हें मिलाकर अब मिथिलांचल से 6 मंत्री हो गए हैं। आज मंत्री बनाए गए सभी विधायक भाजपा के हैं। इनमें 3 पिछड़े, 2 अति पिछड़े और 2 सवर्ण समुदाय से हैं। बिहार (Bihar) में एनडीए सरकार का 13 महीने में यह तीसरा विस्तार है। नीतीश सरकार में अब 36 मंत्री हैं। इनमें भाजपा के 21, जेडीयू के 13, बाकी एक हम से और एक निर्दलीय हैं।
संजय सरावगी ने शपथ ली
दरभंगा से BJP विधायक संजय सरावगी ने सबसे पहले शपथ ली। इसके बाद सुनील कुमार (बिहार शरीफ), जीवेश मिश्रा (जाले), राजू सिंह (साहेबगंज), मोतिलाल प्रसाद (रीगा), कृष्ण कुमार उर्फ मंटू (अमनौर), विजय मंडल (सिकटी) मंत्री बने। बिहार में कुल 243 सीटें हैं। एनडीए के पास 131 सीटें हैं। इनमें से 40 सीटें मिथिलांचल से हैं।

इसलिए मिथिलांचल को NDA का गढ़ कहा जाता है। मिथिलांचल के 6 जिलों (सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली) में 60 सीटें आती हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां से एनडीए को 40 सीटें मिली थीं। आगामी चुनाव को देखते हुए यहां से 4 विधायक मंत्री बनाए गए हैं। दो पहले से मंत्री हैं।
अच्छा काम करने की कोशिश की
बुधवार सुबह राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने इस्तीफे के बाद कहा- ‘BJP में एक व्यक्ति एक पद का फॉर्मूला है, इसलिए मैंने आज मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। कैबिनेट विस्तार होना है। ये मुख्यमंत्री जी का अधिकार है। इसमें जातीय समीकरण का भी ध्यान रखा जाएगा।