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यौन शोषण के आरोप में न्यायपालिका ने डाॅक्टर को सुनाई सज़ा

उत्तर प्रदेश, 01 दिसंबर (ब्यूरो) : 12 साल की बच्ची का यौन शोषण करने के आरोपी एक डॉक्टर को दोषी करार देते हुए 20 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा डॉक्टर के ऊपर लाख 65 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने पॉक्सो के तहत डॉक्टर के ऊपर कार्रवाई किय गया है। ये मामला उत्तर प्रदेश के भदोही का है। 

विशेष लोक अभियोजक डॉक्टर अश्विनी कुमार मिश्रा ने बताया कि शहर कोतवाली इलाके के एक अस्पताल के डॉक्टर शैलेन्द्र चौहान (37) ने बच्ची से अपने क्लीनिक में छेड़छाड़ की थी। इस मामले में एक महिला ने आठ अक्टूबर 2021 को मामला दर्ज कराया था जिसमें उसने आरोप लगाया था कि चौहान ने उसकी बेटी से अश्लीलता की थी।

वीडियो से खुला राज 

मिश्रा ने आगे बताया कि महिला ने इस बारे में पड़ताल की तो एक युवक ने घटना का वीडियो दिखाया, जिसमें डॉक्टर अपने क्लिनिक में बच्ची से शर्मनाक हरकत करते दिख रहा था। पूछताछ में बच्ची ने बताया कि डॉक्टर उसे पढ़ाने और किताब देने के लिए बुलाता था और उससे छेड़छाड़ करता था। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) मधु डोगरा ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद डॉक्टर शैलेन्द्र चौहान को 20 साल की कैद की सजा सुनाई और एक लाख 65 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ़ अधिक हिंसा 

एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2021 में देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,28,278 मामले दर्ज किए गए। इसमें सबसे अधिक 56,083 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है, इसके बाद राजस्थान है जहां 40,738 मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध में महाराष्ट्र 39,526 मामलों के साथ तीसरे और पश्चिम बंगाल 35,884 मामलों के साथ चौथे स्थान पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते साल में राजस्थान में दर्ज बलात्कार के कुल मामलों 6337 में से 4885 मामलों में पीड़ित वयस्क और 1452 मामलों में नाबालिग थीं। वहीं 18 पीड़ित छह साल से कम उम्र की थीं, 64 पीड़ित 6-12 साल की उम्र वर्ग, 442 पीड़ित 12-16 साल की उम्र वर्ग में और 929 पीड़ित 16-18 साल की उम्र वर्ग की थीं। बलात्कार पीड़ितों की अधिकतम संख्या (3265) 18-30 वर्ष की उम्र वर्ग में थी।

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