जालंधर, 23 जनवरी (कबीर सौंधी) : जालंधर सेंट्रल का सबसे बड़ा मुद्दा जिसे खुद सेंट्रल हल्के से विधायक रमन अरोड़ा लोगों के घरों में आई दीवारों पर दरारों को देखकर उठाया था और इस अवैध निर्माण के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए जोशी हॉस्पिटल के मालिक पर FIR तक दर्ज करवाई थी, ने एक बार फिर से सेंट्रल हल्के के विधायक रमन अरोड़ा व निगम कमिश्नर सहित केबिनेट मंत्री इंदरबीर सिंह निज्जर को ठेंगा दिखाते हुए फिर से आसपास लोगों के घरों के लिए मुसीबत खड़ी करनी शुरू कर दी है।
दरअसल कपूरथला चौक के पास स्थित जोशी अस्पताल उस समय काफी चर्चा में आया था जब वहां बेसमेंट का निर्माण रात के अँधेरे में करीब 10 महीने पहले किया जा रहा था जिसकी वजह से उस समय भी आसपास के घरों में दरारें पड़ गई थीं और लोगों को अपने घरों को छोड़कर किराये के मकानों में जाना पड़ा था। इस दौरान घरों में पड़ी दरारों के मामले ने काफी तूल पकड़ा था, जिसे लेकर सेंट्रल हल्के से विधायक रमन अरोड़ा ने मुख्यमंत्री तक इस बात की शिकायत तक की, जिसके बाद जोशी अस्पताल के खिलाफ करवाई करते हुए अवैध निर्माण को लेकर FIR तक दर्ज कर दी गए थी, लेकिन कुछ दिनों से यह निर्माण फिर से चरम पर है।
यही नहीं खुदाई का कार्य कुछ दिनों से फिर से जोर पकड़ चुका है, हालांकि इसकी मंजूरी ली गई है या नहीं इसका तो पता नहीं चल सका, लेकिन आसपास के लोगों के मन में इस बात का खौफ जरूर पैदा हो गया है कि क्या इस खुदाई से उनके आशियाने फिर से खतरे में पड़ जाएंगे। लेकिन PNT कॉलोनी निवासियों का कहना है कि उनके घरों की दीवारें सीधे जोशी अस्पताल के साथ जुडी हुई हैं ऐसे में जब से निर्माण कार्य शुरू किया गया है तब से फिर एक बार उनके घरों में दरारें आनी शुरू हो चुकी हैं, उन्हें डर है कि कहीं उनके मकान की दीवारे न गिर जाएं।
इस परिवार ने बताया कि जब पिछली बार उनके घर की दीवारों में जोशी अस्पताल की बेसमेंट की खुदाई के कारण दरारें आ गई थी सब उन्हें मजबूरन परिवार सहित किराए पर रहना पड़ा था। अब जब वे पांच माह बाद अपने मकान में लौटे हैं तो फिर से दरारें दिखाई दे रही हैं। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने जोशी अस्पताल से बात की तो उन्होंने कहा कि हम बैठे हैं फिक्र मत करो, कुछ नहीं होगा। अब सवाल ये उठता है कि जब इस निर्माण पर पांच माह पहले विधायक रमन अरोड़ा ने जो आवाज उठाते हुए और लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए दिल्ली तक जो हल्ला बोलता था क्या उसको जोशी अस्पताल ने फिर से ठेंगा दिखाया है या फिर निगम ने व सेंट्रल हल्के के किसी चम्मचे ने निर्माण को दोबारा मंजूरी दिलवाई है और अगर मंजूरी दी भी गई है तो उन लोगों का क्या होगा जिनके घरों में फिर से दरारें आनी शुरू हो गई हैं।