जालंधर (कबीर) : मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. अविनाश गौतम एवं पं. पिंटू शर्मा ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमति माला जाप कर मुख्य यजमान संजीव शर्मा एवं रत्नेश सैणी से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं ।
इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मनुष्य जैसे कर्म करेगा उसका वैसा ही फल मिलेगा अर्थात जैसे बीज बोओगे वैसा फल पाओगे। मनुष्य की हर सोच उसके जीवन के खेत में बोया गया एक बीज ही है। यदि मनुष्य अच्छी सोच के बीज बोएगा तो अच्छा फल मिलेगा। अगर बुरी सोच के बीच बोएगा तो बबूल ही मिलेगा। भविष्य को स्वर्णमयी बनाने के लिए उन बीजों का ध्यान देना होगा जो आज बो रहे हैं। प्रेम के बीज बोएंगे तो प्रेम के ही फल अंकुरित होकर आएंगे। क्रोध और गाली-गलौच के बीज बोएंगे तो खुद के लिए विषैले तथा व्यंग भरे वातावरण का निर्माण होगा। मनुष्य की सोच जैसी होगी उसके विचार भी वैसे बन जाएंगे।
हवन यज्ञ में आहुतियाँ डालते हुए धाम के संस्थापक व संचालक नवजीत भारद्वाज व अन्य
नवजीत भारद्वाज ने कहा कि श्रद्धा वह चमत्कारिक शक्ति है जो भक्त को पाषाण में भी प्रभु के दिव्य रुप का दर्शन कराती है। अगर दिल में सच्ची श्रद्धा है तो कठिन से कठिन कार्य भी सहज व सरलता से ही हो जाते हैं। उन्होने कहा कि मन में ही स्वर्ग होता है और मन में ही नरक। व्यक्ति खुद के कर्मों द्वारा ही अपने घर-परिवार को स्वर्ग बनाता है और खुद ही नरक। व्यक्ति के स्वभाव को बदलना बड़ा कठिन है। मनुष्य की भावना पर सब कुछ निर्भर रहता है। हवन यज्ञ के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं सैनेटाइज़ेशन का खा़स ध्यान रखा गया।
इस अवसर पर संजीव शर्मा,बावा,समीर चोपड़ा, मुकेश चौधरी,अश्विनी शर्मा धूप वाले, विनोद लूथरा, सुरेंद्र सिंह, गुरबाज सिंह, बलजिंदर सिंह, रोहित बहल, यज्ञदत्त, अवतार सिंह,पंकज,राजेश महाजन,बावा खन्ना, मोहित बहल,पुनीत डोगरा,संजय, प्रदीप शर्मा, सोनू छाबड़ा, विकास अग्रवाल, राजीव, दिशांत शर्मा,अशोक शर्मा, प्रिंस, ,राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, गनेश कुमार, प्रवीण,दीपक , सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।