मानव को श्रेष्ठ मार्ग दिखाते माता-पिता व गुरु : नवजीत भारद्वाज
मां बगलामुखी धाम में सम्पूर्ण फलदाई मासिक हवन यज्ञ 30 जनवरी रविवार को
जालंधर, 27 जनवरी (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. पिंटू शर्मा एवं अविनाश गौतम ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमित मंत्र माला जाप कर आज के मुख्य यजमान अभिलक्षय चुघ से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं ।
इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतिया डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मानव जीवन में प्रकाश देने का कार्य संतों की संगति करती है। संत सूर्य की भांति मानव जीवन के अंधेरे का नाश कर उनके जीवन में उजाला भरते हैं। माता-पिता और गुरु हमेशा मानव को श्रेष्ठ मार्ग दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि संत गुप्त रहकर समाज और धर्म की सेवा करते हैं, उससे बड़ी कोई सेवा नहीं हो सकती है। जिस प्रकार सूर्य समस्त संसार को प्रकाश देता है ठीक उसी प्रकार संत-महात्मा हमारे हृदय में प्रकाश भरते हैं। नवजीत भारद्वाज ने कहा कि जीवन में सफलता हासिल करने के लिए अपने गुरु व अभिभावक द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की आदत डालनी चाहिए।
संस्कृति व संस्कार की रक्षा के लिए अभिभावकों को जिम्मेदारी उठानी होगी। मानव को हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए। भाग्य, भक्ति, वैराग्य और मुक्ति पाने के लिए हर किसी को परमात्मा का श्रवण करना चाहिए।मंदिर परिसर में कोविड 19 की डायरैकशन अनुसार सोशल डिस्टेंस एवं सैनेटाइज़ेशन, मास्क इत्यादि का विशेष ध्यान रखा गया।
इस अवसर पर गुरबाज सिंह, बलजिंदर सिंह, एडवोकेट राज कुमार, राकेश, दिशांत, राकेश महाजन, मुकेश चौधरी,जसविंदर सिंह, सुरेंद्र सिंह, राजेन्द्र कत्याल, संजीव शर्मा, शेखर सेठ, मधुकर कत्याल,मानव शर्मा, अशोक शर्मा, सुरेंद्र, सौरभ मल्होत्रा, राजेश मैहता, दीलीप कुमार, नीटू,साहिल, मनोज चढ्ढा, दिशांत, संजीव, गितेश, यज्ञदत्त,
अश्वनी शर्मा, बावा खन्ना, राजीव, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, विनोद खन्ना, लक्की, सुनील जग्गी, प्रिंस, दिनेश चौधरी, रवि कुमार,पंकज, मानव शर्मा, दीपक सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।