किसी की निंदा करना सबसे बड़ा पाप : नवजीत भारद्वाज
25 दिसंबर को शनि महाराज के श्रंखलाबद्ध हवन-यज्ञ उपरांत तुलसी दिवस के अवसर पर सभी मां भक्तों को तुलसी का पौधा प्रशाद स्वरूप में दिया जाएगा
जालंधर, 23 दिसंबर (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी जी के निमित्त हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. अविनाश गौतम एवं पं. पिंटू शर्मा ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी के निमित्त मंत्र माला जाप कर मुख्य यजमानो रोहित बहल एवं मोहित बहल से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं ।
इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने आए हुए मां भक्तों से अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जो अधर्म के लिए समर्पित है वह कर्म नहीं है बल्कि सत्य समर्पित कर्म ही वास्तविक धर्म है। किसी ज्ञान को जानकर उसे जीवन का हिस्सा बना लेना ही ज्ञान की सार्थकता है। किसी की निंदा करना सबसे बड़ा पाप है उन्होंने कहा कि जो आप अर्पण करते हैं वही मानव के पास दोगुना होकर वापस आता है।
हवन यज्ञ में आहुतियाँ डालते हुए धाम के संस्थापक व संचालक नवजीत भारद्वाज व अन्य
हम गृहस्थ जीवन में रहते हुए सन्यासी हो सकते हैं। नवजीत भारद्वाज ने कहा कि एक व्यक्ति के मानव हो जाने पर संपूर्ण समाज सुधर सकता है। ईंट पत्थर जोड़कर भवन बना लेना और बड़ी संख्या का संगठन चला लेना कोई विशेष बात नहीं है। व्यक्ति के भीतर की सोई हुई मानवता को जगाना तथा जीवन को साधन युक्त बनाकर उसे विकास के मार्ग पर चलाना ईश्वरीय कार्य है।
इस अवसर पर गुरबाज सिंह, बलजिंदर सिंह, एडवोकेट राज कुमार, अमित कुमार,राकेश दिशांत,प्रभाकर, राकेश महाजन,मुकेश चौधरी,जसविंदर सिंह, सुरेंद्र सिंह, राजेन्द्र कत्याल, संजीव शर्मा, शेखर सेठ, मधुकर कत्याल,मानव शर्मा,अभिलक्षय चुघ, अशोक शर्मा, सुरेंद्र, सौरभ मल्होत्रा,राजेश मैहता, दीलीप कुमार, नीटू,साहिल, मनोज चढ्ढा, दिशांत, संजीव, गितेश,
यज्ञदत्त, अश्वनी शर्मा, बावा खन्ना, राजीव, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, विनोद खन्ना, लक्की, सुनील जग्गी, प्रिंस, दिनेश चौधरी, रवि कुमार,विजय गुप्ता,पंकज, मानव शर्मा, दीपक सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।