बुरे कर्मो से बचाएगा प्रभु का सुमिरन : नवजीत भारद्वाज
मां बगलामुखी धाम में आयोजित मासिक हवन यज्ञ 31 अक्टूबर रविवार को
जालंधर 28 अक्टूबर (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. अविनाश गौतम एवं पं. पिंटू शर्मा ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी के निमित्त माला जाप कर मुख्य यजमानो मधुकर एवं अभिलक्षय चुघ से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं । इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने आए हुए मां भक्तों से अपनी बात करते हुए कहा कि पाप करना अपराध है।
पाप कभी तन से तो मन से हो जाता है। संत महात्मा भी जाने अंजाने पाप कर बैठते हैं। पाप को जितना छुपाओगे उतना भारी होगा। बस भगवान के नाम का सुमिरन ही बुरे कर्म से बचाएगा। उन्होंने कहा कि साधना सद्गुरु के सानिध्य में ही सफल होती है। शास्त्र पढ़ने से ज्ञान तर्क, वितर्क, लेखन शैली में निपुणता हासिल की जा सकती है। लेकिन जीवन में सुगंध तो सद्गुरु से ही प्राप्त होती है। शास्त्रों में लिखा है ब्रह्ममुहूर्त में जगना चाहिए। जगने के लिए विज्ञान ने भी अलार्म घड़ी बना दिया। लेकिन सवाल है कि आप किस व्यक्ति के सानिध्य में जीवन गुजार रहे हैं। नवजीत भारद्वाज ने कहा कि सत्संग एक सरोवर के समान है। इस सरोवर में स्नान करने से व्यक्ति भक्त बन जाता है। सद्गुरु के सानिध्य में व्यक्ति को मार्ग व मंजिल दोनों दिखाई देता है। सत्संग पीड़ादायी व आनंददायी भी है। आनंद व पीड़ा दोनों प्रकट होती है।
पीड़ा इस बात की कि जीवन अब तक इन चरणों में क्यों नहीं अर्पित किया। हवन यज्ञ के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं सैनेटाइज़ेशन का खा़स ध्यान रखा गया। इस अवसर पर एडवोकेट राज कुमार,राकेश प्रभाकर, विवेक शर्मा, रमाकांत शर्मा, रोहित बहल, बावा जोशी, अमरेंद्र कुमार शर्मा, मुकेश चौधरी, मोहित बहल,राजेन्द्र कत्याल, अभिलक्षय चुघ,अशोक शर्मा,
जसविंदर सिंह, गुरबाज सिंह, गुलशन शर्मा, संजीव, राजेश महाजन, गितेश, यज्ञदत्त, अश्वनी शर्मा, मानव शर्मा, बावा खन्ना, राजीव, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, लक्की, सुनील जग्गी, प्रिंस, दिनेश चौधरी, पंकज,मानव शर्मा,दीपक सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।