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मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में हुआ श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन यज्ञ

जो इंसान अंहकारी होकर दूसरो को सताता है उसका अपराध शनिदेव महाराज कभी क्षमा नही करते : नवजीत भारद्वाज

जालंधर, 09 अक्तूबर (धर्मेंद्र सौंधी) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। मां बगलामुखी धाम के संचालक एवं संस्थापक नवजीत भारद्वाज ने बताया कि पिछले 11 वर्षों से श्री शनिदेव महाराज के निमित्त हवन यज्ञ जो कि नाथां बगीची जेल रोड़ में हो रहा था इस महामारी के कारण वश अल्पविराम आ गया था। अब यह हवन पिछले लगभग 10 महीने से मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में आयोजित किया जा रहा है।

सर्व प्रथम मुख्य यजमान रिशभ चोपडा से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत पंडित अविनाश गौतम एवं पंडित पिंटू शर्मा ने आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई । इस सप्ताह श्री शनिदेव महाराज के जाप उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते हुए बताया कि जीवन में शुभ-अशुभ कार्यों का प्रतिफल अवश्य भोगना पड़ता है। जाने-अनजाने में अगर कोई पाप होता है, तो उस पाप को शनिदेव महाराज क्षमा भी कर देते है। लेकिन जो इंसान अंहकारी होकर दूसरो को सताता है उसका अपराध शनिदेव महाराज कभी क्षमा नही करते। नवजीत भारद्वाज ने कहा कि शनिदेव महाराज के आश्रय में रहकर सुकर्म करते हुए अपने अपराधों के प्रभाव को कम किया जा सकता है, लेकिन पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता है।

बारिश में छाता या बरसाती से और आंधी में दिये को शीशा से बचाव किया जा सकता है, लेकिन बारिश एवं आंधी को रोका नहीं जा सकता है। भक्ति और सत्कर्म का प्रभाव यही होता है। प्रारब्ध या होनी का समूल नाश नहीं होता। प्रारब्ध को भोगना ही पड़ता है। शास्त्रों में कहा गया है कि प्रारब्ध अवश्यमेव भोक्तव्यम। ईश्वर की भक्ति अथवा शनिदेव महाराज के प्रभाव से प्रारब्ध की तीक्ष्णता को कम किया जा सकता है। हवन यज्ञ के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं सैनेटाइज़ेशन का खा़स ध्यान रखा गया।

इस अवसर पर गौरव कोहली, राजेंद्र गुप्ता, बलजिंदर सिंह, अमरजीत सिंह, मधुकर, गुलशन शर्मा, अश्विनी शर्मा धूप वाले, मुनीश शर्मा, बलदेव शर्मा, अमरेंद्र शर्मा, मानव शर्मा, बावा खन्ना, विक्रांत शर्मा, रोहित मल्होत्रा, पं. रमाकांत शर्मा, विवेक शर्मा,हितेश, रोहित बहल, शाम लाल, गुरबाज, एडवोकेट राज कुमार, मुकेश चौधरी, अभिलक्षय चुघ,सुनील,राजीव, अशीश अग्रवाल, राजन शर्मा, प्रिंस, राकेश, प्रवीण, दीपक ,अनीश शर्मा, संजीव राणा, सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।

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