जालंधर, 12 अगस्त (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। सर्व प्रथम मुख्य यजमान से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत ब्राह्मणों द्वारा मुख्य यजमान मनीश कुमार से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई। इस सप्ताह श्री शनिदेव महाराज के जाप हवन-यज्ञ उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई।
हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते हुए कहा कि सत्य बोलें, प्रिय बोलें, सोचकर बोलें, कम बोलें, धीरे बोलें और मीठा बोलें। हमारी वाणी में मिश्री जैसी मिठास हो, फूलों जैसा सुवास हो, कोयल जैसी मधुरता हो। मधुर वचन परिपूर्ण खजाना है। वाणी को बोलने से पहले तौल लेना चाहिए और तौले हुए बोलों को ही बोलना चाहिए। मिष्ट वचन बोलों तो बोलो, वरना मुख मत खोलो। नवजीत भारद्वाज ने कहा कि गोली से एक व्यक्ति मरता है, लेकिन बोली से एक साथ हजार। गोली एक जीव को स्वस्थ्य बनाती है लेकिन बोली हजारों को। गोली एक क्षण कड़वी लगती है, लेकिन बोली का असर हजारों दिनों तक रहता है। गोली चूक सकती है पर बोली नहीं।
गोली का घाव सूख सकता है, बोली का नहीं। ऐसा माना जाता है कि बच्चों को मां इसलिए ज्यादा पसंद होती है क्यों कि वह मीठी वाणी बोलती है। संसार के समस्त युद्धों का मुख्य कारण असंतुलित वार्तालाप रहा है। वचन अमृत से भी ज्यादा सुखकारी होते हैं और विष से भी ज्यादा नुकसानदायक। शब्द ऐसे शस्त्र हैं जो आंखों से दिखाई नहीं देते, लेकिन चुभते अधिक हैं। आगे उन्होंने कहा कि उपहारों को भुलाया जा सकता है, लेकिन मधुर वाणी सदा याद रहती है। कोमल शब्द सख्त दिलों को भी जीत लेता है और वाणी से दिया गया घाव जीवन भर भी नहीं भरता। पशु इसलिए दु:ख उठाते हैं कि वह बोल नहीं पाते, मनुष्य इसलिए दु:ख उठाते हैं कि वह बोलते हैं। जिन शब्दों से मैत्नी का पुल बांधा जा सकता है उनमें दुष्मनी की दीवार खड़ी करना अज्ञानता है।
इस अवसर पर रविन्द्र बांसल,अमित शर्मा,राकेश प्रभाकर, बावा जोशी, अमरेंद्र कुमार शर्मा,दिशांत शर्मा, मुनीश शर्मा,बलजिंदर सिंह, एडवोकेट राज कुमार,शिवका, अश्विनी शर्मा धूप वाले, अमरेंद्र शर्मा, चंद्र शेखर,सुदेश शर्मा,राहुल शर्मा, नवदीप,उदय,रमन शर्मा, प्रशांत, शिवेक,साहिल मल्होत्रा,दीपक मल्होत्रा,आयान मल्होत्रा,सुमित, राकेश शर्मा, नीरज,मनी, प्रशांत,अजय,बावा खन्ना, मोहित, केविन,रवि कुमार, वरु ण सहोत्रा, समीर चोपड़ा, अभिलक्षय चुघ, वरुण, सौरभ,ठाकुर बलदेव सिंह, साहिब, राजीव, दीशांत शर्मा,राजन शर्मा, प्रिंस, सौरभ मल्होत्रा, राकेश, प्रवीण, दीपक, अनीश शर्मा, अशोक शर्मा, संजीव राणा, सुनील जग्गी , प्रिंस,दीपक सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी विशाल लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।