ताज़ा खबरधार्मिकपंजाब

मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में हुआ श्री शनिदेव महाराज के निमित्त आलौकिक हवन-यज्ञ 30 जुलाई रविवार को लगेंगे मां बगलामुखी जी को छप्पन भोग

सोच अगर सुंदर है तो स्वर्ग का द्वार सदा आपके लिए खुला है : नवजीत भारद्वाज

जालंधर 15 जुलाई (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। सर्व प्रथम सभी मुख्य यजमान मुनीश शर्मा से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई । श्री शनिदेव महाराज के जाप उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां धाम के संचालक व संस्थापक नवजीत भारद्वाज ने डलवाई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते हुए कहा कि नकारात्मक सोच तोड़ती है, सकारात्मक सोच जोड़ती है। साधारण किस्म के लोग गिलास आधा खाली देखते हैं, समझदार लोग गिलास आधा भरा देखते हैं। ऊंचाई छूने वाले लोग गिलास पूरा भरा देखते हैं। ताड़ासन करके भी हम अपनी हाईट दो इंच से ज्यादा नहीं बढा सकते, पर सोच को ऊंची उठाकर एवरेस्ट से भी ज्यादा ऊंचे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वर के घर से हम में से हर इंसान को एक बहुत बड़ी ताकत मिली है। वह है – सोचने-समझने की क्षमता। अपनी इस एक क्षमता के बलबूते इंसान संसार के समस्त प्राणयिों में सबसे ऊपर है। हम सोच सकते हैं इसीलिए हम इंसान हैं। यदि हमारे जीवन से सोचने की क्षमता को अलग कर दिया जाए तो हमारी औकात किसी चैपाये जानवर से अधिक न होगी।

नवजीत भारद्वाज ने कहा कि आपकी सोच आपके विचारों को, विचार वाणी को, वाणी व्यवहार को, व्यवहार आपके व्यक्तित्व को प्रेरित और प्रभावित करता है। एक सुंदर और खूबसूरत व्यक्तित्व, व्यवहार, वाणी और विचारों का मालिक बनने के लिए अपनी सोच को कुतुबमीनार जैसी ऊँची, ताजमहल जैसी सुन्दर खूबसूरत बनाइए। उन्होंने कहा कि सोच को सुंदर बनाना न केवल अपने संबंध, सृजन और आभामंडल को सुंदर तथा प्रभावी बनाने का तरीका है बल्कि सुंदर सोच परमपिता परमेश्वर की सबसे अच्छी पूजा है। उन्होने कहा कि अच्छी सोच स्वयं ही एक सुंदर मंदिर है जहां से सत्यम शिवम सुंदरम का मन लुभावन संगीत अहिर्नश फूटता रहता है। सोच अगर सुंदर है तो स्वर्ग का द्वार सदा आपके लिए खुला है। सोच के बदसूरत होते ही शैतान का हम पर राज हो जाता है। उन्होंने कहा कि एक अच्छी, सुंदर और सकारात्मक सोच स्वयं ही राम का रामेश्वरम और कृष्ण का वृंदावन धाम है। 

इस अवसर पर श्रीकंठ जज, राकेश प्रभाकर गुलशन शर्मा, समीर कपूर, अजीत कुमार, प्रदीप शर्मा, नवदीप, रमनदीप, मनजीत सिंह, संजीव सोंधी, राकेश प्रभाकर, विवेक सहगल, रेखा सहगल, मनीष कुमार, अमरेंद्र कुमार शर्मा, बावा गौरव जोशी, रवि वासुदेव,शाम लाल शर्मा, बलजिंदर सिंह, समीर कपूर, रोहित भाटिया, प्रिंस कौंडल, अमरेंद्र कुमार शर्मा, दिशांत, लवली शर्मा,राजेश महाजन, मनीष शर्मा, अश्विनी शर्मा धूप वाले, संजीव शर्मा, विनोद लूथरा, यज्ञदत्त, अवतार सिंह, पंकज, मानव शर्मा, बावा खन्ना, संजय, सोनू छाबड़ा, नवीन, डा. गुप्ता,विकास अग्रवाल, प्रदीप, दिशांत शर्मा,अशोक शर्मा, दीपक, प्रिंस, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, गनेश कुमार, सुरेंद्र सिंह, अजय, सौरभ मल्होत्ना, प्रदीप शर्मा, पंकज, मनी, लवली रल्हन, विनोद खन्ना, मुकेश चौधरी, इकबाल, प्रवीण, दीपक, विदुर, जे डी, अशोक शर्मा,सुनील जग्गी, प्रिंस सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button