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मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में करवाया साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ

सुमिरन, सत्संग और सेवा से मिलता है गुणों का खजाना : नवजीत भारद्वाज

मां बगलामुखी धाम में नवरात्र के उपलक्ष्य पर नव दुर्गा हवन यज्ञ 22 मार्च से मंदिर परिसर में होंगे

 

जालंधर, 16 मार्च (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले ब्राह्मणों द्वारा नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमित्त मंत्र माला जाप कर मुख्य यजमान अजीत कुमार से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं ।

इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि व्यक्ति स्वयं की महानता को नहीं जानता है क्योंकि उसके शरीर पर जंग लगी हुई है। हम सभी के शरीर के अंदर गुणों का खजाना भरा हुआ है, हमें केवल अपने शरीर से पर्दा हटाना है। पर्दा हटते ही हमारे शरीर में गुण रूपी खजाना बाहर आ जाएगा और गुण रूपी खुशबू दूर-दूर तक जाने लगेगी।

जिस व्यक्ति ने अपने गुणों को जागृत कर लिया उसे कोई मिटा नहीं सकता है। इस पर्दे को हटाने के लिए हमें सुमिरन, सत्संग और सेवा जैसे कार्य करने होंगे। नवजीत भारदज ने कहा कि भजन से आपका कभी नुकसान नहीं हो सकता है। जो बिगड़ता है वह हमारी दृष्टि में बिगड़ता है भगवान की दृष्टि में कभी कुछ नहीं बिगड़ता है। भजन सदा लाभ देने वाला ही होता है। हमें सत्संग, सुमिरन और सेवा में कभी विलंब नहीं करना चाहिए। मनुष्य जीवन के उद्धार का यही एक सरल साधन है। हमें अनुकूल समय में ही भगवान के नाम का स्मरण करना चाहिए। भगवान का स्मरण मैं दोपहर में करूंगा, शाम को करूंगा और कल करूंगा कहने वाले केवल अपने आपको धोखा देते हैं उन्होंने श्री गोस्वामी तुलसीदास जी की चौपाई कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा का भी उल्लेख किया।

भगवान का नाम लेने के लिए तिथि और बार का कोई महत्व नहीं होता है। भगवान स्मरण का मौका जब मिल जाए उसे छोड़ना नहीं चाहिए। भगवान स्मरण के लिए कोई मुहूर्त नहीं होता है। भगवान का नाम निरंतर नहीं लिया जा सके तो कम से कम नियमति लेना चाहिए। इस अवसर पर श्वेता भारद्वाज, पूनम प्रभाकर, मोनिका कपूर, नीरज कपूर, श्रीकंठ जज, हैरी शंकर शर्मा, विक्रम भसीन, संजीव सोंधी, बलिजंदर सिंह,रविन्द्र बांसल, प्रिंस कुंडल, अनिल चड्डा,रोहित भाटिया, गौरव कोहली, अमरेंद्र कुमार शर्मा,राजेंद्र कत्याल,राकेश प्रभाकर, बलवंत बाला, मुनीश शर्मा, सुरेंद्र शर्मा,रोहित बहल, एडवोकेट राज कुमार, मोहित बहल, अशोक शर्मा,

विक्रांत शर्मा, गोपाल मालपानी, राघव चढ्ढा, समीर कपूर, अिश्वनी शर्मा,संजीव शर्मा, मुकेश चौधरी, अमरेंद्र सिंह,संजीव सांविरया, मुनीश शर्मा, यज्ञदत्त, राकी,बावा जोशी, पंकज,करन वर्मा, राजेश महाजन, संजीव शर्मा, गुप्ता,मानव शर्मा, राजीव, दिशांत शर्मा,अशोक शर्मा, पंकज, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह,अभिलक्षय चुघ,लक्की,वावा खन्ना, सुनील जग्गी,प्रिंस,पंकज, प्रवीण सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया

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