जब तक मन पर विजय नहीं, तब तक शरीर रूपी कारागार से मुक्ति नहीं : नवजीत भारद्वाज
श्री शनिदेव महाराज जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक हवन यज्ञ प्रत्येक शनिवार सुबह 7 बजे से 8 बजे तक
जालंधर, 12 नवंबर (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। मां बगलामुखी धाम के संचालक एवं संस्थापक नवजीत भारद्वाज ने बताया कि पिछले 11 वर्षों से श्री शनिदेव महाराज के निमित्त हवन यज्ञ जो कि नाथां बगीची जेल रोड़ में हो रहा था इस महामारी के कारण वश अल्पविराम आ गया था अब यह हवन पिछले लगभग सवा साल से मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में आयोजित किया जा रहा है।
सर्व प्रथम मुख्य यजमान एडवोकेट राज कुमार से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत ब्राह्मणों ने आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई । इस सप्ताह श्री शनिदेव महाराज के जाप उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते हुए कहा कि संतमत अच्छा कर्म करने कि प्रेरणा देता है।
अच्छे कर्म का फल अच्छा होता है। सभी के जीवन में दुख होता है। मानव के विभिन्न प्रयत्नों के बावजूद दुख आता है। तीन तरह के ताप दैहिक, दैविक एवं भौतिक ताप है। भक्ति करने से दुखों से निकला जा सकता है। मानव शरीर बार-बार नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि परमात्मा ने सारे संसार का सृजन किया है। संसार में जितने भी प्राणी हैं, सभी परमात्मा के अंश हैं। परमात्मा को पाने के लिए लोग अनेक प्रकार के प्रयास करते हैं। हम लोग किस बंधन में बंधे हैं।
हमलोग अपने शरीर को कहते हैं यह मेरा शरीर है। जबकि यह शरीर हमलोगों के लिए कारागार है। इस कारागार से कैसे छूटेंगे, जब तक परमात्मा की भक्ति नहीं करेंगे, तब तक इससे छुटकारा नहीं मिलेगी। जब तक मन पर विजय नहीं पाएंगे तब तक शरीर रूपी कारागार से नहीं निकल सकते हैं। मन को जीतना बहुत ही मुश्किल है। मन बहुत ही चंचल और वेगमान होता है। परमात्मा की भक्ति बहुत ही कठिन काम है। साधना और ध्यान के माध्यम से मन पर विजय पाया जा सकता है।
इस अवसर पर राकेश प्रभाकर, सौरभ अरोड़ा, सोनू छाबड़ा, बावा खन्ना, रोहित बहल, मानव शर्मा,मोहित बहल,अशोक शर्मा, विक्रम भसीन, गोपाल मालपानी, राघव चढ्ढा, समीर कपूर, अश्वनी शर्मा, संजीव शर्मा, मुकेश चौधरी, मुनीश शर्मा, यज्ञदत्त, रोहित भाटिया, राकी, ओंकार सिंह,राकी,करन वर्मा, मुकेश चौधरी,राजेश महाजन, राजीव, दिशांत शर्मा,अशोक शर्मा, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, साबी, लक्की, सुनील जग्गी,प्रिंस, सुनील वर्मा,पंकज, अशोक शर्मा, प्रवीण सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।