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भारतीय संस्कृति एवं सिद्धांतों का आधार लिए वैश्विक स्तर पर अपना परचम लहराना ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य : प्राचार्य डॉ. नीरजा ढींगरा

जालंधर, 16 जनवरी (धर्मेंद्र सौंधी) : एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दो दिवसीय फैकल्टी डिवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया; जिसके पहले दिन प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा एवं डॉ मोनिका मोगला ने स्त्रोत वक्ता के रूप में राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं उनसे जुड़े विभिन्न पहलुओं से प्राध्यापकवृंद को परिचित करवाया। डॉ नीरजा ढींगरा ने National education policy 2020:An overview विषय पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति की विशिष्टताओं के बारे में बात करते हुए कहा कि इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जहां एक तरफ flexibility, multi disciplinary होने एवं conceptual knowledge की विशेषता है वहां दूसरी तरफ इसमें विद्यार्थियों के बहूपक्षीय विकास को सर्वोपरि रखा गया है।

इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार विद्यार्थियों को रोजगारपरक बनाने के लिए स्नातक की शिक्षा मैं विद्यार्थियों के लिए मल्टीपल एग्जिट रखे गए हैं ताकि किसी विद्यार्थी को अगर किसी कारणवश पहले वर्ष में पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ती है तो उसको इसमें सर्टिफिकेट कोर्स मिलेगा दूसरे वर्ष में शिक्षा छोड़ने पर उसको डिप्लोमा मिलेगा और तीसरी वर्ष में शिक्षा समाप्त करने पर उसको डिग्री प्राप्त होगी अगर उसको चतुर्थ वर्ष में इसको पढ़ना है तो उसको अपनी रूचि के अनुसार किसी विषय विशेष में शोध करना होगा। 4 वर्ष की स्नातक डिग्री प्राप्त करने के बाद विद्यार्थी 1 वर्ष में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त कर सकता है और अगर वह स्नातक डिग्री में 75% से ऊपर अंक प्राप्त करता है तो वह सीधा पीएचडी के लिए अपने आपको रजिस्ट्रेशन करवा सकता है।

शोधार्थी को उसी विषय पर PhD करनी होगी जो विषय किसी ना किसी क्षेत्र में प्रयुक्त होने योग्य हो। नई राष्ट्रीयशिक्षा नीति के अनुसार विद्यार्थी क्षेत्रीय भाषाओं में से किसी में भी अपनी शिक्षा प्राप्त कर सकता है इसके लिए अब अंग्रेजी माध्यम में पढ़ना जरूरी नहीं है; विद्यार्थी अपनी रुचि अनुसार मेजर या माइनर विषयों के साथ-साथ मल्टीडिसीप्लिनरी विषयों का भी चयन कर सकता है और प्रथम या द्वितीय वर्ष में वह विषय रूपांतरण भी कर सकता है। उन्होंने कहा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने का मुख्य उद्देश्य परंपरागत शिक्षा प्रणाली से आगे बढ़ते हुए विद्यार्थियों को इस तरह का ज्ञान प्राप्त करना है ताकि वह स्वयं का विकास करते हुए देश की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खास पहचान बना सकें। डॉ मोनिका मोगला ने इस फैकेल्टी डैवलपमेंट प्रोग्राम में कोकरिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए फॉर्मेटिव एसेसमेंट, चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम एवं क्यूमलेटिव ग्रेड पॉइंट को स्पष्ट किया। डॉ मोनिका ने कहा विद्यार्थी आवश्यकता अनुसार किसी अन्य राज्य या देश में जाकर भी इन्हीं ग्रेड पॉइंट्स के आधार पर अपनी शिक्षा को आगे जारी रख सकता है । प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने बड़े ही मनोरंजक ढंग से प्राध्यापकगण को स्वयं का विकास करते हुए विद्यार्थियों के सर्वपक्षीय विकास में अपना सहयोग देने के लिए प्रोत्साहित एवं प्रेरित किया, इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम मैंटी कॉलेजज़ ;रामगढ़िया कॉलेज फगवाड़ा,जनता कॉलेज करतारपुर,बीएलएम कॉलेज नवा शहर के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष डॉ सुनीत कौर ने इतने उत्साहवर्धक विचार व्यक्त करने के लिए प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा एवं डॉ मोनिका मोगला का आभार व्यक्त किया।

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