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बलवंत राजोआना की दया याचिका पर बड़ा फैसला : अकाल तख्त साहिब की बैठक – वापिस ली जाएगी याचिका

अमृतसर, 30 अगस्त (साहिल गुप्ता) : पंजाब के पूर्व CM शहीद बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका को वापस लेने का फैसला किया गया है। ये फैसला श्री अकाल तख्त साहिब पर आज शुक्रवार हुई पांच तख्तों के जत्थेदारों की बैठक में लिया गया।

जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने स्पष्ट किया कि लंबे समय से ये दया याचिका राष्ट्रपति के पास पेंडिंग है और अब राजओना भी यही चाहता है कि इस याचिका को वापस लिया जाए। जत्थेदान ज्ञानी रघबीर सिंह ने पांच तख्तों के जत्थेदारों की बैठक का फैसला बताते हुए कहा कि बैठक में राजोआना के मामले पर गंभीरता से विचार किया गया। जिसमें अब उनकी दया याचिका जो लंबे समय से राष्ट्रपति के पास है, उसे वापस लिया जाए।

बलवंत सिंह राजोआना को फांसी की सजा सुनाए 18 साल से अधिक का समय हो चुका और उसकी फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने के लिए भारत सरकार को भेजी दया 12 साल से अधिक समय से विचाराधीन पड़ी है और उस पर अब तक फैसला लांबित है। बलवंत सिंह राजोआना की इच्छा पर SGPC ने श्री अकाल तख्त साहिब को खत लिखा।

बैठक में फैसला लिया गया कि बलवंत सिंह राजोआना की सिख कौम के लिए दी कुर्बानी बहुत बड़ी है और उनका जीवन कौम की अमानत है। सिख जत्थेबंदियां इस पर अपना विचार जल्द से जल्द श्री अकाल तख्त साहिब को लिख कर भेजें। बता दे की बलवंत सिंह राजोआना को पूर्व मुख्यमंत्री शहीद बेअंत सिंह की हत्या का दोषी बनाया गया था। जिसके बाद उसे फांसी की सजा सुनाई गई। SGPC की तरफ से इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी दाखिल की गई थी और राष्ट्रपति को भी लिखा था।

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ साल पहले ही राजोआना पर फैसला लेने के लिए सरकार को कहा। वहीं, राष्ट्रपति को दी गई अर्जी पर आज तक फैसला नहीं हो पाया। कुछ महीने पहले पटियाला की जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना ने भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। उनकी मांग थी कि एक तरफ का फैसला लिया जाए। वे बंदी सिख भी नहीं हैं, क्योंकि उसे तो मौत की सजा सुनाई गई है। SGPC ने बीते दिनों अंतरिम कमेटी की बैठक में फैसला लिया था कि बलवंत राजोआना की सजा माफी को लेकर वे राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। लेकिन अब श्री अकाल तख्त साहिब ने दया याचिका वापस लेने का फैसला किया है। अब SGPC के प्रतिनिधि राष्ट्रपति से मिलेंगे या दया याचिका वापस लेंगे, इस पर फैसला लिया जाना है।

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