गांधीनगर, 23 अक्तूबर (ब्यूरो) : गुजरात के विभिन्न शहरों में छापेमारी के दौरान गंभीर बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 17.5 लाख रुपये मूल्य की नकली एंटीबायोटिक दवाएं जब्त की गईं। इस दौरान इससे जुड़े 4 लोगों को हिरासत में भी लिया गया। खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्रशासन (एफडीसीए) ने बताया कि इनमें से कुछ लोग बेनामी कंपनियों के चिकित्सा प्रतिनिधियों (एमआर) के रूप में काम करते थे और चिकित्सकों को नकली दवाएं पहुंचाते थे।
जानकारी के मुताबिक, एफडीसीए के अधिकारियों ने नडियाद, सूरत, अहमदाबाद और राजकोट जैसे विभिन्न शहरों में छापेमारी कर नकली दवाएं जब्त कीं। गुजरात के एफडीसीए आयुक्त एचजी कोशिया ने बताया कि अहमदाबाद और अन्य शहरों से गंभीर बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 17.5 लाख रुपये की नकली दवाइयां जब्त की गई हैं। विज्ञप्ति में बताया गया कि एक गोपनीय सूचना पर कार्रवाई करते हुए खाद्य एवं औषधि नियामक के अहमदाबाद कार्यालय ने शुक्रवार को अहमदाबाद में खीमाराम कुम्हार को 2,61,250 रुपये मूल्य की पोसमोक्स सीवी 625 एंटीबायोटिक गोलियों के 99 बक्सों के साथ पकड़ा।
पूछताछ करने पर कुम्हार ने बताया कि नकली दवाएं उसे कथित तौर पर अहमदाबाद के निवासी अरुण आमेरा ने पहुंचाई थी। आमेरा ने अधिकारियों को अन्य व्यक्ति के बारे में बताया जिसका नाम विपुल देगड़ा था। देगड़ा के पास से पांच तरह की नकली एंटीबायोटिक दवाइयां जब्त की गईं, जिनकी कीमत 4,83,300 रुपये थी। वहीं, डेगडा से अधिकारियों को दर्शन व्यास का पता चला। एफडीसीए ने बताया कि देगड़ा के मोबाइल फोन की जांच से पता चला कि उसने राज्य के विभिन्न शहरों में चिकित्सकों को बिना बिल के नकली एंटीबायोटिक दवाएं मुहैया कराई थीं। इसके बाद अधिकारियों ने अहमदाबाद और अन्य शहरों में छापेमारी की और 10.50 लाख रुपये की नकली एंटीबायोटिक दवाइयां जब्त की।