जालंधर, 24 अगस्त (धर्मेंद्र सौंधी) : पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर वुमेन, जालंधर के डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट द्वारा “पर्सनल फाइनेंशियल प्लानिंग” विषय पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का आयोजन किया गया । इस एफडीपी सत्र का उद्देश्य स्टाफ को वित्तीय नियोजन की अनिवार्यताएं बताना और निवेश, म्यूचुअल फंड और बीमा के संदर्भ में अधिक जागरूक बनाना था। इसमें निवेश और व्यक्तिगत वित्तीय योजना तथा अपनी भविष्य की वित्तीय जरूरतों को कैसे प्रबंधित किया जाए, इस पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कार्यक्रम के संसाधन व्यक्ति श्री विक्रम सूद, (एएमएफआई पंजीकृत म्यूचुअल फंड वितरक और आईआरडीए प्रमाणित जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा सलाहकार) थे। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत वित्तीय योजनाओं में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी, क्रॉस नॉमिनेशन के साथ टर्म प्लान, जीवन बीमा पॉलिसी, एसआईपी और म्यूचुअल फंड शामिल होने चाहिए। यह ध्यान में लाया गया कि किसी के निवेश लक्ष्य, निवेश की समय अवधि और जोखिम उठाने की क्षमता वित्तीय योजना के लिए महत्वपूर्ण कारक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जीवन बीमा निवेश का उपयोग सेवानिवृत्ति के बाद की जरूरतों के वित्तपोषण के लिए किया जाना चाहिए।
उनके अनुसार, जीवन के सुनहरे वर्षों यानी 55-85 वर्षों का आनंद लेने के लिए, व्यक्ति को 25-55 वर्षों में बचत करनी चाहिए जो कि जीवन का स्वर्णिम काल है। पैसा दोगुना करने के बारे में पूरी जानकारी यानी फॉर्मूला 72, कंपाउंडिंग की शक्ति, एन.आई.सी.ई. विश्लेषण यानी निवेश करने से पहले आवश्यकता, रुचि, चिंता और अपेक्षा का विश्लेषण करने पर भी प्रकाश डाला गया। सत्र में खर्च और फिर बचत से पहले बचत और बाद में खर्च करने के दृष्टिकोण को बदलने पर ध्यान केंद्रित किया गया। म्यूचुअल फंड और एसआईपी (सिस्टमिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के तहत विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की गई। उन्होंने एसआईपी के लिए वेतन प्रबंधन के महत्व को रेखांकित किया। “करोड़पति बनने” के लिए एसआईपी (व्यवस्थित निवेश योजना) पर एक विस्तृत दृष्टिकोण भी सुर्खियों में लाया गया।
सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों के लिए नियमित आय के रूप में एसआईपी और एसडब्ल्यूपी (व्यवस्थित निकासी योजना) संयोजन का उपयोग कैसे करें बताया गया । कार्यक्रम में कॉमर्स एंड मैनेजमेंट, आईटी, इकोनॉमिक्स, ऑफिस मैनेजमेंट, गणित, फैशन डिजाइनिंग विभाग के कुल 27 स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया। यह एक ज्ञानवर्धक सत्र था जिसने किसी के निवेश और वित्तीय पहलुओं की योजना बनाते समय ध्यान में रखी जाने वाली आवश्यक बातों के बारे में मार्गदर्शन और गहरी अंतर्दृष्टि दी। अध्यक्ष श्री नरेश बुधिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री विनोद दादा, प्रबंध समिति के अन्य सदस्यों और प्राचार्य प्रो. (डॉ.) पूजा पराशर ने गतिविधि का सफल आयोजन करने के लिए विभाग के प्रयासों की सराहना की।