जालंधर, 27 जनवरी (धर्मेंद्र सौंधी) : पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर विमेन, जालंधर में ‘बसंत पंचमी’ अपने पूरे रूप और वैभव के साथ मनाई गई। यह दिन माघ के हिंदू महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। बसंत पंचमी को आमतौर पर ‘सरस्वती पूजा’ के रूप में जाना जाता है। इस दिन ज्ञान, भाषा, संगीत और कला के विशाल भंडार की अवतार देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। चूँकि देवी सरस्वती संगीत, कला और ज्ञान से जुड़ी हैं, इसलिए इस दिन को विद्या आरंभ के महत्वपूर्ण अनुष्ठान द्वारा भी चिह्नित किया जाता है। यह संस्कार छोटे बच्चों को शिक्षा और औपचारिक शिक्षा की ओर ले जाने के बारे में है। पीला रंग बसंत पंचमी और वसंत से जुड़ा है, जो ऊर्जा और पीले क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करता है।
इस कारण महाविद्यालय परिसर चमकीले पीले रंग के फूलों, पतंगों और आकर्षक साज-सज्जा से सजा हुआ था। इस त्योहार से जुड़ी ऊर्जा और ज्ञान के प्रतीक के रूप में सभी ने पीले रंग की पोशाक पहन रखी थी। यह एक स्थापित तथ्य है कि हमारी प्रमुख संस्था हमेशा ऐसे त्योहारों और रीति-रिवाजों को संजोती है जो हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं और विशेष रूप से यह प्रतीक देवी को अत्यधिक प्रासंगिकता प्रदान करके हमें सांस्कृतिक पुनरावलोकन में ले जाते हैं, प्रिंसिपल प्रो. (डॉ.) पूजा पराशर ने देवी सरस्वती के आह्वान के साथ उत्सव की शुरुआत की। देवी की स्तुति में पवित्र भजन गाए गए। ज्ञान की देवी को पुष्प अर्पित किए गए। सभी में प्रसाद वितरण किया गया। छात्रों ने वसंत ऋतु के आगमन के प्रतीक के रूप में त्योहार की पुरानी वार्षिक परंपरा को जीवंत करने के लिए पतंग उड़ाई। यह आयोजन होम साइंस एसोसिएशन, कॉलेज के यूथ क्लब और फाइन आर्ट विभाग द्वारा किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप सफल हुआ। अध्यक्ष श्री नरेश कुमार बुधिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री विनोद दादा एवं प्राचार्य ने इस पावन अवसर पर छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को बधाई दी।