माइनिंग पालिसी लाने की बात कहकर पंजाब में रेत बजरी का काला व्यापार बढ़ता जा रहा है जो रेत पहले 2400 रुपए सैंकडा लोगों तक पहुँच रही थी वो अब 4000 रुपए मिल रही है जिसका मुख्य कारण सरकार की माइनिंग पालिसी को ना लाना है। सरकार ने एक तरफ़ माइनिंग बंद करके काला बाजारी रोकी तो वही इसका सीधा असर भी आम लोग की ही जेब पर पड़ा। नए बनाने मकानों का सपना देखने वाले अब आम आदमीं पार्टी की सरकार को ही कोस रहे है। शहर की बात की जाए तो कहीं भी रेत बजरी नहीं मिल पा रही जिस कारण लोगों के बन रहे मकानों का काम तक रूक गया है। सरकार ने कहा था कि पालिसी लाकर रेत बजरी की अवैध माइनिंग बंद करके लोगों की पहुँच तक आसानी से रेत बजरी पहुँचेगी पर हुआ इससे उलट। एक तो मकान बनाने का सामान मिल रही रहा ओर अगर कोई दे रहा है तो वो दुगने दाम पर। रेत बजरी बेचने वाले दुकानदारों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सरकार पालिसी ला नहीं रही तब तक उनका कारोबार मात्र सरकार की पालिसी ना लाने के कारण पूरी तरह बंद होने की तादाद पर पहुँच गया है।
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