चंडीगढ़, 23 जून (ब्यूरो) :पंजाब के पूर्व खाद्य एवं सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं। घोटाले के आरोप में उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। दरअसल, केस होने पर वह राहत पाने के लिए हाईकोर्ट के समक्ष गए थे। उन्होंने मांग की थी कि उन्हें गिरफ्तारी से पहले 7 दिन का नोटिस दिया जाए, लेकिन हाईकोर्ट ने कल ऐसी राहत नहीं दी।
बता दें कि, आशु पर 2000 करोड़ के टेंडर घोटाले का आरोप है। इसकी जांच पंजाब विजिलेंस ब्यूरो कर रही है। कानून के जानकारों का कहना है कि, इस केस में आशु को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। लिहाजा गिरफ्तारी से बचने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचे हैं। उन्होंने याचिका दायर कर कहा है कि, अगर उनके खिलाफ कोई शिकायत है तो सही ढंग से उसकी जांच हो। सियासी बदलाखोरी के मकसद से पंजाब सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न करे। याचिका में उनके वकील ने यह भी कहा कि, अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो उससे पहले 7 दिन का नोटिस दिया जाए।
अब हाईकोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई 6 जुलाई तय की गई है। माना जा रहा है कि, पुलिस उससे पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। 2 हजार करोड़ रुपए बड़ी रकम होती है। उनके खिलाफ सूबे के छोटे ठेकेदारों ने आरोप लगाए हैं कि पंजाब की मंडियों में लेबर और ट्रांसपोर्टेशन के टेंडर में गड़बड़ी की गई। छोटे ठेकेदारों को नजरअंदाज कर 20-25 लोगों को फायदा पहुंचाया गया। हालांकि, आशु का कहना है कि यह टेंडर डीसी की अगुवाई वाली कमेटियां अलॉट करती हैं। उनके खिलाफ साजिश के तहत आरोप लगाए जा रहे हैं।