जालंधर, 06 मई (धर्मेंद्र सौंधी) : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज जालंधर में स्पोर्ट्स इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के अपार जनसमूह को संबोधित किया। अनुराग ठाकुर ने पंजाब के स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को भाजपा को पूर्ण समर्थन व अपार सहयोग के लिए धन्यवाद प्रकट किया।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि पंजाब की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री की ख्याति पूरे देश और दुनिया में है। आदरणीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी इस इंडस्ट्री को और विस्तार देने व प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह हर्ष का विषय है कि जालंधर स्पोर्ट्स इंडस्ट्री से जुड़े सभी हितधारकों ने भाजपा व प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की नीतियों में विश्वास जताया है और इस लोकभा उपचुनाव में यहाँ कमल खिलाने का संकल्प लिया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज कांग्रेस व आम आदमी पार्टी की ग़लत नीतियों के चलते पंजाब नशे की गिरफ़्त में है। इन लोगों ने नशा माफिया पर ना तो नकेल कसी और ना ही प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए कोई कदम उठाया। इन दोनों पार्टियों ने ना सिर्फ़ युवाओं को धोखा दिया, बल्कि उनके भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया है। पंजाब को नशे से दूर करने में खेल अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। खेल देश को एकजुट करने के साथ उसके ‘सॉफ्ट पावर’ को भी दर्शाता है। सॉफ्ट पावर का मतलब किसी देश की वह क्षमता है जिसके माध्यम से वह बिना किसी बल प्रयोग के अन्य देशों से अपने हितों के अनुरूप सहयोग प्राप्त कर सकता है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2014 के बाद जब से देश की कमान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों में आई है, तब से उन्होंने देश और देश के विकास में युवा शक्ति की भूमिका को समझते हुए कई क्रांतिकारी परिवर्तनों की शुरुआत की है। खेलो इंडिया, फिट इंडिया, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, TOPS जैसी योजनाएं भारत में आए खेलों के प्रति 360° के परिवर्तन को दर्शाते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भी केंद्र सरकार खिलाड़ियों को प्रशिक्षण और अन्य सुविधाएं मुहैया कराती रही और इसके परिणामस्वरूप देश ने ओलंपिक में सात, पैरालंपिक में 19 और डीफ्लंपिक में 16 पदक जीते। साथ ही थॉमस कप जीतकर खिलाड़ियों ने विश्व मानचित्र पर अपनी छाप छोड़ी है।
खेल मंत्री ठाकुर ने कहा कि इस बार देश का खेल बजट करीब 2500 करोड़ रुपए है। 2014 से पहले खेल विभाग का बजट आठ सौ, साढ़े आठ सौ करोड़ रुपए के आसपास ही रह जाता था। यानि 2014 के मुकाबले देश के खेल विभाग के बजट में लगभग तीन गुना बढोतरी हुई है। केंद्र सरकार अब जिला स्तर और स्थानीय स्तर तक स्पोर्ट्स फैसिलिटीज़ बना रही है। अब तक देश के सैकड़ों जिलों में लाखों युवाओं के लिए स्पोर्ट्स इनफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। इस बार नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को भी अधिकतम बजट प्रदान किया गया है। हमारा प्रयास है कि स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी से जुड़ी हर विद्या को सीखने का माहौल बने। जिससे युवाओं को इस क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर मिलेगा।