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नशेड़ी मां की करतूत : बच्चे को नहीं पिलाया दूध, केयर न करने से पड़े कीड़े

लुधियाना, 10 फरवरी (ब्यूरो) : लुधियाना में एक नशेड़ी मां की करतूत सामने आई है। उसने अपने साढ़े तीन साल के बच्चे की केयर नहीं की, जिस कारण बच्चे को कीड़े पड़ गए। इस बात का पता जब समाज सेवक अनमोल कवात्रा को चला तो उन्होंने बच्चे को रेस्क्यू कर सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया।

इस दौरान अस्पताल में महिला के देवर ने बड़ा खुलासा किया। उसने बताया भाभी दूध पिलाने के लिए पिता से 20 हजार मांग रही थी। ये पैसे वह चिट्टा (ड्रग्स) खरीदने के लिए मांग रही थी। वह खुद भी चिट्टे का सेवन करता है।

उसने बताया कि वह जवाहर नगर कैंप और घोड़ाछाप कॉलोनी से चिट्टा लाते हैं, लेकिन थाना डिवीजन नंबर 5 और CIA-1 ने आंखें बंद कर रखी है। जवाहर नगर कैंप नजदीक पुलिस सिर्फ इन होटलों पर जिस्मफरोशी जैसे मामलों पर कार्रवाई करती दिखती है। जबकि इन्हीं होटलों के नजदीक खुलकर चिट्टा बिक रहा है। बच्चे का डॉक्टर उपचार कर रहे हैं। हालत नाजुक होने के कारण उसे आज CMC अस्पताल दाखिल करवाया जाएगा। परिवार के हालात यह हैं कि अस्पताल में बच्चे के पास उसके पिता या चाचा को बैठाने के लिए पुलिस की ड्यूटी लगवानी पड़ रही है।

जानकारी के मुताबिक महिला जवाहर नगर कैंप में अपने पति नीरज के साथ रहती है। पति-पत्नी दोनों ही चिट्टे के दल-दल में फंस चुके हैं। ड्रग्स के एडिक्ट हुए इस परिवार के ये हालात बन गए है कि बच्चा भूख से तड़पता है, लेकिन उसके रोने की आवाज इन नशेड़ी परिजनों की तोड़ के सामने दब जाती है। बच्चे को पिछले कई दिनों सेकुछ नहीं खाने को दिया गया। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले महिला बच्चे को छोड़ कर कहीं चली गई हैं। बच्चा कुपोषण का शिकार हो चुका है। बच्चे को डाइट और दवाई सही से न मिली, जिस कारण आज वह जिंदा रहते हुए नर्क की जिंदगी व्यतीत कर रहा है।

समाज सेवक अनमोल कवात्रा ने बताया कि बच्चे के शरीर में कीड़े पड़े चुके थे। वह दर्द से चीख रहा था। मासूम का दर्द देखते ही मन भर आया। पूरा परिवार चिट्टे से एडिक्ट है। इस परिवार के सदस्य कई बार नशा छुड़ाओ केन्द्र में जा चुके हैं, लेकिन हालात ठीक नहीं हो रहे। बच्चे कार्तिक की जान बचाने के लिए हर संभव मदद की जा रही है। मां का दूध सही से न मिलने के कारण आज ये हालात बन चुके हैं। बच्चे के सभी टेस्ट करवाए जा रहे हैं। ताकि उसका सही से उपचार हो सके। बच्चे को स्वस्थ होने के बाद CWC के जरिए बाल आश्रम में कानूनी प्रक्रिया मुताबिक भेजा जाएगा।

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