चंडीगढ़, 03 अप्रैल (ब्यूरो) : कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के जेल से रिहा होने के बाद जहां कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने उनसे मुलाकात नहीं की, वहीं कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व का सिद्धू से प्यार बरकरार है। सूत्रों के अनुसार, रविवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू से फोन पर बात की। इसके बाद से पंजाब कांग्रेस में हलचल मच गई है। वैसे नवजोत सिंह सिद्धू का अगला सियासी सफर आसान नहीं रहने वाला है। कांग्रेस में मुकाम बनाने के लिए उनको सियासी जंग लड़नी होगी।
पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता उन्हें पहले ही विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार का जिम्मेदार ठहरा चुके थे। जबकि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान सिद्धू जिस भूमिका में रहे, वह पार्टी में दोबारा बड़ी भूमिका चाहेंगे। पूर्व प्रदेश प्रधान को कांग्रेस आलाकमान का वरदहस्त हासिल है। पंजाब में ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के समय राहुल गांधी भी नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी सौंपने की बात कह चुके हैं। पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर राजा वड़िंग ने जिन्हें दरकिनार कर रखा है उन्होंने सिद्धू के साथ कंधे से कंधा मिला लिया है।
खासकर पीपीसीसी के तीन पूर्व प्रधान सिद्धू के गले लग गए हैं। समीकरण ऐसे बनते जा रहे हैं कि निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में कांग्रेस में गुटबंदी तेज होने की प्रबल संभावना बन गई है। यह किसी से छिपा नहीं है जितनी देर नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला जेल में बंद थे, उनसे पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तीन पूर्व प्रधान महेंद्र सिंह केपी, बीबी राजिंदर कौर भट्ठल, शमशेर सिंह दूलो लगातार मुलाकात करते रहे हैं। सिद्धू ने इन्हीं नेताओं के साथ लगातार अपनी आगामी रणनीति पर मंत्रणा की । दूलो राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं और अबकी बार कांग्रेस ने उन्हें संसद में नहीं भेजा।