ताज़ा खबरपंजाब

नगर निगम में अधिकारियों के रिश्तेदार अब नहीं कर पाएंगे ठेकेदारी

जालंधर 30 जनवरी (धर्मेन्द्र सौंधी) : नगर निगम में अधिकारियों के रिश्तेदार अब ठेकेदारी नहीं कर पाएंगे। इस संबंध में सर्कुलर टी.आई.सी. ब्रांच के एक्सीयन द्वारा जारी किया गया है जिसके मुताबिक सभी ठेकेदारों को एफिडेविट देना होगा कि उसका कोई रिश्तेदार नगर निगम की अकाऊंट, बी. एंड आर. या अन्य ब्रांच में तैनात नहीं है।

जो ऑफिसर विकास कार्यों या अन्य किसी भी तरह की परचेज के लिए टैंडर लगाने, वर्क ऑर्डर जारी करने से लेकर बिल बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा है। यह नियम नगर निगम में काम कर रहे जे.ई. से लेकर चीफ इंजीनियर के अलावा ठेकेदार कम्पनी के पार्टनर व लेबर सोसाइटी के सदस्यों पर भी लागू होगा जिसे लेकर एफिडेविट न देने वाले ठेकेदार को रजिस्ट्रेशन रद्द करने की चेतावनी नगर निगम द्वारा दी गई है।

नगर निगम में अफसरों के रिश्तेदारों पर ठेकेदारी न करने संबंधी लगाई गई शर्त कोई नई नहीं, बल्कि यह 1979 में बनाए गए थे लेकिन इन नियमों का लागू करने की याद टैंडर बांटने की लड़ाई को लेकर कोर्ट केस होने के चलते 25 साल बाद आई है, क्योंकि पिछले समय के दौरान नगर निगम द्वारा लगाए गए टैंडरों में कुछ ठेकेदारों ने नाममात्र लैस डालने के लिए पूल कर लिया था लेकिन ठेकेदारों के दूसरे ग्रुप ने ज्यादा लैस के साथ ऊपर से टैंडर डाल दिए। 

इससे आर्थिक फायदा होने के बावजूद नगर निगम द्वारा सियासी दबाव का हवाला देते हुए टैंडर रद्द कर दिए जिसके विरोध में दोनों ग्रुप बारी-बारी नगर निगम के खिलाफ कोर्ट पहुंचे हैं। जहां एक ग्रुप ने दूसरे ग्रुप के ठेकेदारों पर नगर निगम अफसरों के रिश्तेदार होने के बावजूद गलत एफिडेविट देकर टैंडर हासिल करने का आरोप लगाया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button