जालंधर, 10 सितंबर (धर्मेंद्र सौंधी) : नई सब्जी मंडी की पार्किंग के ठेकेदार द्वारा राजनितिज्ञो की आड़ में जमकर धक्केशाही हो रही है व गरीबो की मदद हेतु पंजाब की मौजूदा कांग्रेस सरकार के प्रतिनिधि जिनको मार्किट कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है वह चेयरमैनी सीट की गरिमा (वेल्यू)का भरपूर फायदा उठा रहे है। मार्किट कमेटी जालंधर के चेयरमैन द्वारा मंडी के विकास की जगह खुद का विकास करने के लिए अपने मनपसंद शुभचितंक अधिकारी की भी नियुक्ति करबाई जिससे वह जोड़ी बना कर मंडी के आड़तियो का माल हड़प सके।
मार्किट कमेटी द्वारा पार्किग ठेके की कभी जांच नही की गई कि वह मंडी में आने वाले वाहनो से कितनी वसूली करता है गौरतलब है कि मंडी में रोजाना चेयरमैन सहित मार्किट कमेटी मुख्य गेटो से मंडी के भीतर दाखिल होते है लेकिन इन्होने ठेकेदार के कारिंदो द्वारा वाहन चालको से हो रही डबल वसूली को नजरअंदाज करके आगे निकल जाते है व मंडी गेटो पर डबल वसूली कारण वाहन चालको से रोजाना हो रहे झगड़ो की पूरी जानकारी होने के वावजूद यह लोग ठेकेदार की सपोरट करते है।चेयरमैन के अनुसार ठेकेदार ने पंजाब मंडी बोर्ड से ठेका महंगी कीमत पर लिया है व उसे घाटा पड़ रहा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या वो घाटा पूरा करबाना मार्किट कमेटी चेयरमैन का काम है ? अगर ठेकेदार को घाटा पड़ रहा है तो वह ठेका छोड़ने की जगह चेयरमैन सहित बाकि सरकारी – गैर सरकारी लोगो को खैरात कहा से बांटता है। दूसरी सवाल सफाई ठेके का है कि वो ठेका किसके कहने पर सबलैट किया गया ?
क्या पंजाब मंडी बोर्ड ने चेयरमैन व अधिकारियो को पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा निर्धारित नियम व शर्ते तोड़ने के अधिकार सौंपे हुए है ? सरकारी अधिकारी इन चेयरमैनो की कंडीशनो व अधिकारो को शायद भूल जाते है कि इन चेयरमैनो को किस लिए सरकार ने नियुक्त किया है ? चेयरमैन सरकारी अधिकारी नही होता उसे मेवा खाने के लिए नही ब्लकि जनता की सेवा के लिए नियुक्त किया जाता है ताकि वह जनता की नजर मे सरकार की अच्छी छवि बना सके। 2022 विधान सभा चुनाव दस्तक दे चुके है व कोड लगते ही सभी गैर सरकारी प्रतिनिधि अपने पदो से मुक्त हो जाते है। अब देखना यह है कि चेयरमैन साहिब ठेकेदार को बचाने के लिए किस किस आड़ती को नोटिस भिजबा कर बचाने की कोशिश करते है ? या फिर पजाब मंडी बोर्ड द्वारा निर्धारित रेटो को कायम करके गरीबो की सहायता करते है ?