
जालंधर, 21 अप्रैल (कबीर सौंधी) : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से महाराजा गार्डन कॉलोनी, लेदर कॉम्प्लेक्स रोड, में मां भगवती की महिमा में ‘माता की चौकी’ का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिस में सदगुरु श्री आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी मंगलावती भारती जी ने मां भगवती की महिमा में सुमधुर भजनों का गायन किया। साथ ही मां की दिव्य लीलाओं के पीछे जुड़े आध्यात्मिक रहस्यों से अवगत कराते हुए साध्वी जी ने बताया कि मां के नौ रूपों में देवी भगवती का स्कंद माता स्वरूप है । मां का यह स्वरूप सात्विक शक्ति का प्रतीक है। मां की गोद में उनका पुत्र स्कंध है।
जिन्हें देवताओं का सेनापति कहा जाता है तारकासुर के आतंक से देवता गण भयभीत थे। उसका कोई अंत नहीं कर सकता था। क्योंकि उसे वरदान प्राप्त था कि उसका अंत केवल मात्र भगवान शिव के पुत्र के माध्यम से ही हो सकता था। उनका भय दूर करने के लिए सात्विक शक्ति के रूप में मां ने उन्हें स्कंध जैसा पुत्र प्रदान किया था। जिनका नाम था कुमार कार्तिकेय। स्कंद का अर्थ होता है प्रकाश और असुर का अर्थ है अंधकार। अंधकार को समाप्त करने के लिए प्रकाश की जैसे आवश्यकता होती है। ठीक इसी प्रकार जीवन में भी अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए ब्रह्म ज्ञान स्वरूप स्कंद की आवश्यकता होती है। अतः आवश्यक है कि हम एक तत्वदर्शी गुरु के सानिध्य में पहुंचकर ब्रह्म ज्ञान प्राप्त करें।
ब्रह्म ज्ञान को प्राप्त करने के बाद हमारी सोई चेतना जाग जाएगी। यही चेतना अर्थात कुमार कार्तिकेय का मन के धरातल पर प्रकटीकरण है। फिर यही जागृत चेतना भीतरी विकारों रूपी असुरों के विरोध में महायुद्ध का बिगुल बजाती है। इस मौके पर महिंदर भगत, कैबिनेट मंत्री, पंजाब सरकार, श्वेता धीर (पूर्व पार्षद) पत्नी वनीत धीर, मेयर जालंधर, कविता सेठ, पार्षद, सौरभ सेठ, निशांत धीर आदि मौजूद थे।