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दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा गांव मानवाला कलां में कृषि जागृति कार्यक्रम का आयोजन सराहनीय कदम : बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा गांव मानवाला कलां में कृषि जागृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया

जंडियाला गुरु, 15 सितंबर (कवलजीत सिंह लाडी) : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान , नूरमहल के जैविक हितकारी खेती और जैविक बाग़वान के जो प्रोजेक्ट हैं इनके प्रतिनिधि स्वामी इंद्रेशानंद और मस्तान सिंह, जैविक बाग़वानी से स्वामी मनेश्वरानन्द ने किसानों के लिए गांव मानावाला कलां अमृतसर मे एक वर्कशाप का आयोजन किया, जिसमें देसी खेती के विभिन्न तरीकों को किसानों के साथ सांझा किया गया। किसानों को मल्टी क्रॉपिंग जैसे तरीके इस्तेमाल करके किसान एक छोटे खेत में 3-4 फसलें एक साथ ले सकता है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।

विभिन्न रासायनिक खादों और कीटनाशकों के प्रयोग के कारण आज जमीन की स्थिति नाजुक होती जा रही है। अगर आज किसान देसी खेती के तरीकों को नहीं अपनाता तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे खेत बंजर बन जाएंगे। खेतों को बचाने के लिए चिरस्थायी खेती के तरीको को अपनाना होगा। इस वर्कशाप के माध्यम से किसानों की देसी खेती और जैविक बाग़वानी के ज्ञान में वृद्धि हुई। workshop के अंत तक किसान हितकारी खेती द्वारा अपनाए गए खेती के तरीकों से उत्साहित थे और इन्हें अपनाने को भी तैयार थे। और जैविक बाग़ लगाने को भी तैयार हुए। इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ प्रोग्राम में मुख मेहमान के तौर पर शामिल ही ।

संस्थान के हितकारी खेती ओर मधु वाटिका बागवानी के कामो की सरहाना की ओर किसानो को जैविक खेती करने की अपील की ,सरदार जसविंदर सिंह एमएलए अटारी ने प्रोग्राम में समूलीअत की,

डॉ आदर्श पाल बिग चेयरमैन प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सब्ज़ी के वेस्ट से और गाय के गोबर से गाँडोआ खाद कैसे त्यार की जाती है के बारे में जानकारी दी, डॉ राकेश शारदा ने मिटी ओर पानी को अच्छा कैसे बनाएँ और पानी की बचत कैसे करे इसके बारे जानकारी दी , डॉ राजन गुप्ता (soil expert) ने किसान मिटी को टेस्ट कैसे करे इसके बारे जानकारी दी,

डॉ लुपिंदर कुमारपानी के वारे जानकारी दी,पंजाब के पानी का लेवल नीचे जा रहा हैं और लगभग बहुत सारे क्षेत्र, डार्क जोन मे चले गए हैं पानी को बचाने के लिए किसानो ने ड्रिप इरीगेशन के बारे में जानकारी ली, जिससे लाखो लीटर पानी को बचाया जा सकता हैं , किसानो ने ड्रिप इरीगेशन से बाग़बानी और सब्ज़ी की खेती करने का संकल्प लिया। किसानों ने हितकारी खेती द्वारा की जा रही देसी जैविक खेती की सराहना की।

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