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दागी अफसरों के लिए ‘पनाहगार’ बना एसएस सर्विस प्रोवाइडर, हो गया करोड़ों का घोटाला, अब विजीलैंस के रडार पर

जालंधर, 19 अगस्त (कबीर सौंधी) : स्मार्ट सिटी जालंधर की लुटिया डुबोने के पीछे सही मायने में पटियाला की एसएस सर्विस प्रोवाइडर कंपनी है, जिन्होंने नगर निगम के दागी अफसरों को रिटायरमेंट के बाद स्मार्ट सिटी में कंसल्टेंट नियुक्त कर दिया। स्मार्ट सिटी के 1000 करोड़ रुपए में कैसे सेंधमारी की जाए, इसकी पटकथा पटियाला स्थिति एसएस सर्विस प्रोवाइ़डर के दफ्तर में लिखी गई। यह आरोप मौजूदा कांग्रेसी पार्षदों का है।

हैरानी की बात तो यह है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को भी पता था कि एसएस सर्विस प्रोवाइ़डर के जरिए जो रिटायर अफसर स्मार्ट सिटी में घुसेड़े जा रहे हैं, उन पर पहले से ही धांधली के इल्जाम लगते रहे हैं। इससे भी बड़ी बात तो यह है कि कंपनी अगर किसी बड़े पद पर किसी रिटायर व्यक्ति को नियुक्त करती है तो इसका एप्रूव्ल स्मार्ट सिटी के सीईओ और पीएमआईडीसी के चेयरमैन को करना होता, लेकिन इन पदों पर नियुक्त अधिकारियों ने भी दरियादिली दिखाई।

जालंधर स्मार्ट सिटी के 1000 करोड़ के कामों में घोटाला हुआ है। मेयर औऱ पार्षद समेत अब AAP के विधायक भी आरोप लगा रहे हैं। इसे लेकर विजीलैंस ने जांच शुरू कर दी है। विधायक रमन अरोड़ा, विधायक शीतल अंगुराल, मेयर जगदीश राजा, डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी, पूर्व मेयर सुनील ज्योति समेत मौजूदा पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम से रिटायर हुए एसई कुलविंदर सिंह और एसई लखविंदर सिंह ने पूर्व सीईओ करणेश शर्मा के साथ मिलकर स्मार्ट सिटी के कामों में जमकर अनियमितताएं की है।

बावजूद इसके पटियाला की एसएस सर्विस प्रोवाइ़डर ने नगर निगम जालंधर से रिटायर कुलविंदर सिंह और लखविंदर सिंह को कंसल्टेंट नियुक्त कर लिया। मजेदार बात तो यह है कि कुलविंदर सिंह और लखविंदर सिंह पर नगर निगम में तैनाती के दौरान करोड़ों रुपए की धांधली की आरोप लगा था, तब स्थानीय निकाय मंत्री रहे नवजोत सिद्धू ने कुलविंदर सिंह को सस्पैंड किया था। इसके बावजूद पटियाला की एसएस सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ने कुलविंदर सिंह को 1000 करोड़ रुपए का पूरा प्रोजैक्ट सौंप दिया।

इस संबंध में एसएस सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के पटियाला स्थित दफ्तर में फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। उनसे संबंधित मालिकों को मोबाइल पर फोन किया गया, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं दिया। डेली संवाद ने कंपनी का पक्ष जानने के लिए उनके आधिकारिक मोबाइल नंबरों पर WhatsApp मैसेज किया, लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं आया। कंपनी अगर अपना पक्ष देना चाएगी, तो डेली संवाद उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित करेगा।

एसई रजनीश डोगरा तलब

स्मार्ट सिटी कंपनी के 1000 करोड़ रुपये के सभी प्रोजेक्ट की जांच विजिलेंस ब्यूरो ने शुरू कर दी है। विजीलैंल ब्यूरो ने नगर निगम के नोडल अफसर और एसई रजनीश डोगरा को तलब किया था। पहले यह बताया जा रहा था कि सिर्फ एलईडी स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट में घोटाले की जांच होगी लेकिन विजिलेंस ब्यूरो के एसएसपी दलजिदर सिंह ढिल्लों ने स्पष्ट किया है कि सरकार के आदेश है कि सभी प्रोजेक्ट की जांच की जाए। इस कड़ी में विजिलेंस ब्यूरो ने स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ दविदर सिंह को पत्र लिखकर सभी प्रोजेक्ट का रिकार्ड उपलब्ध करवाने के लिए कहा है।

एसएस सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के मालिक और अफसर सभी होंगे तलब

विजीलैंस ब्यूरो के अधिकारियों ने कहा है कि स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट की जांच शुरू हो गई है। जिससे लखविंदर सिंह के बाद अब कुलविंदर सिंह को हटा दिया गया है। विजीलैंस ब्यूरो के अधिकारियों के मुताबिक प्रोजैक्ट से भले ही कुलविंदर सिंह और लखविंदर सिंह हटाए गए हैं, लेकिन जांच के दौरान इन दोनों अफसरों को विजीलैंस दफ्तर आना होगा। यही नहीं, जांच में पूर्व सीईओ करणेश शर्मा को शामिल किया गया है।

विजीलैंस ब्यूरो के अधिकारी के मुताबिक जांच में एसएस सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के साथ साथ नगर निगम के जेई, एसडीओ, एक्सईएन, एसई और नोडल अफसर भी तलब किए जाएंगे। इस पूरे प्रोजैक्ट में काम करने वाले हर एक शख्स से पूछताछ होगी। क्योंकि मामला 1000 करोड़ रुपए से जुड़ा है।

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