दिल्ली, 03 जनवरी (ब्यूरो) : दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले केस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी तीसरे समन पर भी बुधवार को पेश नहीं हुए और उन्होंने एक लिखित जवाब भेजकर नोटिस को अवैध बताया। आम आदमी पार्टी (AAP) अब इस मामले में कानूनी रुख अख्तियार करने की बात कर रही है। चूंकि कोई भी शख्स 3 बार ही ईडी का समन इग्नोर कर सकता है ऐसे में अब केजरीवाल के लिए मुश्किल बढ़ने वाली है। ईडी केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाने को कोर्ट का रुख कर सकती है। उससे पहले ही केजरीवाल को अपने बचाव के लिए कानूनी रास्ता अपनाना होगा।
अब केजरीवाल क्या करेंगे?
कोई भी शख्स ईडी के समन को तीन बार इग्नोर कर सकता है। यानी अब केजरीवाल ने उस सीमा को पार कर लिया है। ईडी अब आगे कोर्ट में जाकर केजरीवाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करा सकती है। अगर गैर जमानती वारंट के बाद भी अगर केजरीवाल पेश नहीं होते हैं तो कोर्ट की प्रक्रिया के बाद उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
केजरीवाल के पास क्या है कानूनी रास्ता?
केजरीवाल के पास ईडी के समन से बचने के लिए कम से दो कानूनी रास्ते हैं। वह ईडी के समन को कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। वो कोर्ट में अपने अधिकार की बात करते हुए आरोप क्या लगे हैं इसकी मांग कर सकते हैं। इसके अलावा वह कोर्ट से अग्रिम जमानत भी ले सकते हैं। ऐसे में जांच की प्रक्रिया जारी रहने के दौरान वह गिरफ्तारी से बच सकते हैं।
गौरतलब है कि सीबीआई और ईडी दिल्ली में खत्म की जा चुकी शराब घोटाले की जांच कर रही है। 2021-22 में हुए इस घोटाले में कुछ खास शराब डीलरों को फायदा पहुंचाने का आरोप है। आप इस आरोप का सख्ती से खंडन करती है। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मिलने के बाद मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा की थी।
आप ने ईडी को ही लपेटा
आम आदमी पार्टी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल एजेंसी के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं लेकिन दावा किया कि समन उन्हें गिरफ्तार करने के इरादे से भेजा गया है। पार्टी ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले नोटिस क्यों भेजा गया है? नोटिस केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने से रोकने का एक प्रयास है। केजरीवाल को ईडी ने आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। आप के संयोजक केजरीवाल को ईडी का यह तीसरा नोटिस है, इससे पहले उन्हें ईडी ने दो नवंबर और 21 दिसंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया था, लेकिन केजरीवाल ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे।