जालंधर, 13 जून (कबीर सौंधी) : डिप्टी कमिश्नर डा.हिमांशु अग्रवाल ने माइनिंग और पुलिस विभाग के अधिकारियों को जिले में नाजायज माइनिंग करने वालों ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। ज़ीरो- टालरैंस नीति पर ज़ोर देते हुए डा.अग्रवाल ने इस ग़ैर- कानूनी गतिविधि को रोकने की तत्काल ज़रूरत पर ज़ोर दिया। डा.अग्रवाल ने बताया कि पंजाब माइनिंग एंड मिनरल एक्ट 2013 की धारा 21 के अंतर्गत ग़ैर- कानूनी माइनिंग में शामिल व्यक्तियों विरुद्ध इस साल कुल 19 एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। इस धारा के अंतर्गत पाँच साल तक की सज़ा, 5 लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों की व्यवस्था है। इसके इलावा उल्लंघन करने वालों से कुल 20.05 लाख रुपए जुर्माना पहले ही वसूल किया जा चुका है।
सख़्त अमल के लिए बहुपक्षीय रणनीति बनाने के लिए उन्होंने ग़ैर- कानूनी माइनिंग वालों विरुद्ध पैंडिंग मामलों के बारे में सम्बन्धित विभागों से विस्थारित रिपोर्ट की माँग की। डा.अग्रवाल ने ग़ैर- कानूनी माइनिंग करने वालों से बकाया जुर्माने की वसूली में तेज़ी लाने की महत्ता पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में ग़ैर-कानूनी माइनिंग सामने आने पर सम्बन्धित अधिकारियों की निजी ज़िम्मेदारी तय की जाएगी। इसके इलावा डिप्टी कमिश्नर ने अधिकारियों को ज़ब्त किए वाहनों की नीलामी पालिसी के दिशा-निर्देशों अनुसार जल्द से जल्द करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि इस प्रयास का उदेश्य ज़ब्त किए सामान का नियमों अनुसार तुरंत और पारदर्शी ढंग से निपटारा यकीनी बना कर ग़ैर-कानूनी गतिविधियों को रोकना है।
बैठक में एस.डी.एम.फिल्लौर अमनपाल सिंह, एस.डी.एम.शाहकोट ऋषभ बांसल, एस.डी.एम.-1 डा.जै इन्द्र सिंह, एस.डी.एम- 2 बलबीर राज सिंह और पुलिस और माइनिंग विभाग के अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे।बता दे कि बैठक में ग़ैर-कानूनी माइनिंग विरुद्ध कानूनों को सख़्ती के साथ लागू करने और क्षेत्र के प्राकृतिक स्रोतों की सुरक्षा के लिए ज़िला प्रशासन की सामूहिक वचनबद्धता को रेखांकित किया गया। डा.अग्रवाल के निर्देश जालंधर में ग़ैर-कानूनी माइनिंग के ख़त्म करने की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम की निशानदेही करते है, जिससे वातावरण के बढिया स्तर को कायम रखने के लिए जिले के यत्नों को और मज़बूती मिलेगी।