जालंधर, 13 मार्च (कबीर सौंधी) : जालंधर के बस्तीयात इलाके में स्थित सूद अस्पताल के डाक्टर की कथित लापरवाही के चलते मरीज की मौत हो गई। मरीज की मौत से गुस्साए परिजनों द्वारा अस्पताल के बाहर यातायात अवरूद्ध करके डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि डाक्टर राजीव सूद द्वारा ऑपरेशन के बाद मरीज को एक्सपायर्ड ग्लूकोज़ और मैडीसन दी गई। जिसके कारण इंफेक्शन बढ़ी और मरीज की मौत हुई। मृतक नरेश कुमार वासी गुरसंत नगर, बस्ती दानिशमंदा के भाई राज कुमार ने बताया कि लगभग एक सप्ताह पहले उसके भाई नरेश कुमार की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें सूद अस्पताल के डाक्टर राजीव सूद के पास लाया गया। डाक्टर ने कहा कि उन्हें हरणियां की प्राब्लम है। इसके ऑपरेशन करना पड़ेगा। राज कुमार ने बताया कि ऑपरेशन करके डाक्टर ने बताया कि नाड़ियां गल गई थी, उसने ऑपरेशन के बाद निकाल दी है। ऑपरेशन के बाद भी नरेश कुमार की हालत में सुधार नहीं हुआ। राज कुमार ने बताया कि एक सप्ताह पहले उनके भतीजे ने देखा कि उसके पिता नरेश कुमार का एक्सपायर्ड ग्लूकोज़ चढ़ाया जा रहा है। उन्होने विरोध किया और जब्रदस्त हंगामा हुआ।
इसके पश्चात उन्होने पेशेंट नरेश कुमार को ईलाज के लिए कई अस्पताल ले गए, लेकिन किसी भी डाक्टर ने हालात देखते हुए जवाब दे दिया। वे पेशेंट को कैपीटोल अस्पताल ले गए। उन्होने भी स्पष्ट किया कि मरीज की हालात बेहद खराब है। ऑपरेशन और ईलाज ठीक नहीं हुआ है। इंफेक्शन बहुत बढ़ चुकी है। वे परिवार के रिस्क पर ही ईलाज करेंगे। राज कुमार ने बताया कि ईलाज के दौरान बीती रात नरेश कुमार की मृत्यु हो गई। नरेश कुमार ने बताया कि सूद अस्पताल मे उनसे ईलाज के नाम पर 50 हज़ार से ज्यादा रूपए लिए गए और ईलाज भी सही नही किया । और अन्य अस्पताल मे भी उनके लाखों रूपए खर्च हो गए। इसके बावजूद मरीज नहीं बचा।
मृतक के परिजन और नरेश कुमार का आरोप है कि सूद अस्पताल के डाक्टर की लापरवाही के कारण उनके मरीज की मृत्यु हुई है। नरेश कुमार व परिजनों ने डाक्टर के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए धरना लगा दिया।