जालंधर, 19 फरवरी (धर्मेंद्र सौंधी) : आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास के उन दावों को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है, जिनमें उन्होंने दावा किया था कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पंजाब के सीएम या खालिस्तान के पीएम बनने का ख्वाब देखते हैं। इस मामले में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के खत के जवाब में मामले को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है।
इस घटनाक्रम ने जालंधर के चुनावों में खड़े आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों पर भी सवाल $खड़े कर दिए है। हालांकि जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है लेकिन जालंधर नॉर्थ की बात करें तो वोटरों के मन में एक सवाल यह पैदा हो गया है कि क्या हम किसी ऐसी पार्टी को तो वोट नहीं डालने जा रहे जिसके सुप्रीमो पर खालिस्तानियों से जुड़े होने की अंगुली उठी हो। वोटरों का डरना लाजिमी है क्योंकि जालंधर वैसे भी हाल ही में टिफिन बम मामले का गवाह रहा है। वोटरों को इस बात का अहसास होने लगा है कि किसी हवा या धारा में बहकर शहर, सूबा और देश की सुरक्षा से वे समझौता नहीं कर सकते इसलिए आम आदमी पार्टी ना बाबा ना।
दरअसल सीएम चन्नी ने बहुत ही गंभीरता से यह मुद्दा उठाया। नॉर्थ हलके की बात करें तो यही गंभीरता कांग्रेस प्रत्याशी बावा हैनरी की बातों में नजर आती है। युवा और अनुभव व गंभीरता के सुमेल बावा हैनरी ने कभी विरोधियों की बुराइयां गिनाकर अपना स्थान नहीं बनाया। इस चुनाव में भाजपा ने नार्थ हलके से केडी भंडारी को मैदान में उतारा है। यह वही भंडारी हैं जोकि 10 साल नार्थ हलके से विधायक रहे और इनके काल में एक पूर्व डीएसपी बिमलकांत 7 साल बिना तबादले के जालंधर में रहा। बिमलकांत को हाल ही में ड्रग केस में पकड़ा गया है। अब वोटर ही तय करेंगे कि किसी खालिस्तानी से संबंधों के आरोपों से घिरी पार्टी की तरफ जाना है या अपनी विधायकी काल में नॉर्थ हलके में सबसे ज्यादा चिट्टा बिकने का रिकार्ड बनाने वालों की तरफ। वैसे लोग विकास को तरजीह देते हैं तो फिर बावा हैनरी को बढ़त मिलना आसान हो सकता है।