जालंधर 25 जुलाई (दीपक चीमा): जालंधर दिहाती SSP नवीन सिंगला के दिशा निर्देशों पर SP इन्वेस्टिगेशन मनप्रीत सिंह ढिल्लो की अगुवाई में जालंधर दिहाती CIA Staff-2 की टीम ने कपूरथला के ढिलवां कत्लकांड में वांटेड सैनी गैंग के मास्टरमाइंड गुरदीप सिंह उर्फ सैनी को गिरफ्तार कर लिया है। CIA Staff-2 के प्रभारी पुष्प बाली और पुलिस पार्टी ने उक्त आरोपी को तब काबू किया, जब वह भटनूरा अड्डे पर Zen गाड़ी नंः PB 08 Z 7758 में बैठा था।
एसएसपी नवीन सिंगला ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ के दौरान माना कि उसने एक साल पहले लड़की की वजह से हुई रंजिश के बाद विरोधी को पीटकर हाथ-पैर तोड़े और फिर शराब व पेट्रोल डालकर शव जला दिया था और बाद में अधजली लाश दरिया में फेंक दी थी। उक्त आरोपी सैनी के खिलाफ 10 केस दर्ज हैं और जालंधर के करतारपुर में दर्ज केस में कोर्ट ने उसे भगौड़ा करार दे रखा था।
आरोपी की साल 2015-16 में भोगपुर के गांव जमालपुर की रहने वाली सुमन से दोस्ती हो गई। इससे पहले सुमन फगवाड़ा के सतनामपुरा के शहीद उधम सिंह नगर में रहने वाले दीपक हीरा उर्फ सनी के साथ रहती थी। इसी वजह से गुरदीप की दीपक से रंजिश चल रही थी। जब दोनों कपूरथला जेल में बंद थे तो वहां भी उनकी 3 बार लड़ाई हुई थी।
जिसके बाद साल 2020 में दीपक हीरा कपूरथला जेल से पैरोल पर बाहर आया। वह गुरदीप की हत्या के लिए उसके गांव बुटरां गया था। हालांकि गुरदीप हाथ न लगा तो वह करतारपुर के गांव बड़ा पिंड में अपने दोस्त दिलबाग सिंह के पास रहने लगा। गुरदीप लगातार दीपक की हत्या की प्लानिंग कर रहा था।
इसके बाद जुलाई 2020 में गुरदीप सैनी अपने गैंग मेंबर शैली उर्फ शालू निवासी भटनूरां कलां, ताया का बेटा लाडी निवासी बुटरां, चूहड़वाल का सन्नी लाहौरिया व पिंदरी उर्फ पलविंदर सिंह निवासी लक्खन कलां कपूरथला के साथ मांगेकी अड्डे पर शराब पी रहे थे। तभी वहां दीपक हीरा आ गया। गुरदीप ने गैंग के साथ मिलकर पहले दीपक की पिटाई की। जिसके बाद उसे कार में बिठाकर कपूरथला के गोरे गांव के चन्नी के घर ले गए।
वहां उसकी जमकर मारपीट की गई और उसकी बांह तोड़ दी। फिर रात में उसे कार में डालकर ढिलवां में ब्यास दरिया के किनारे ले गए। वहां गुरदीप ने साथियों के साथ मिलकर कपड़े से उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद कार से शराब व पेट्रोल निकालकर चेहरे व शरीर पर डाला और आग लगा दी। फिर हाथ-पैर बांधकर उसकी अधजली लाश को दरिया में फेंक दिया और वहां से फरार हो गए। आरोपियों के खिलाफ ढिलवां में केस दर्ज हुआ लेकिन गुरदीप पकड़ा नहीं गया था। आरोपी लगातार अपने ठिकाने बदलता था और होशियारपुर के टांडा में रहता था।