जालंधर, 01 मई (कबीर सौंधी) : जालंधर के PIMS अस्पताल के डॉक्टर को कंज्यूमर कोर्ट ने 4 लाख का जुर्माना लगाया है। कोर्ट में मरीज के वकील ने ये साबित किया है कि डॉक्टरों ने मरीज के हिप ट्रांसप्लांट करने में कोहाती बरती। जिससे महिला मरीज को काफी परेशानियों का सामान करना पड़ा। कोर्ट ने इलाज में लगे पैसे सहित जुर्माना देने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट में जमा किए गए दस्तावेजों के अनुसार, एक महिला द्वारा जालंधर के पीआईएमएस मैडीकल एंड एजुकेशन चैरिटेबल सोसायटी के डॉक्टरों ने 32 वर्षीय महिला की हिप सर्जरी सही नहीं की थी। महिला ने अस्पताल से टोटल हिप ट्रांसप्लांट सर्जरी करवाई थी। कोर्ट में पीड़िता के वकील ने साबित किया है कि पीड़िता महिला के पांव की एक उंगली में नस दब जाने के कारण काम करना ही बंद कर दिया था। जिससे उसके काफी परेशानी हुई थी।
सर्जरी गलत होने के बाद जब महिला को आराम नहीं आया तो वह चंडीगढ़ के पीजीआई में इलाज करवाने के लिए चली गई। जहां डॉक्टरों ने बताया कि, महिला के इलाज में कोताही बरती गई। हैड सही नाप का नहीं लगाया गया। न ही सही जगह हिप फिट किया गया था।
जिस कारण महिला को कई दिनों तक मानसिक व शारीरिक पीड़ा झेलनी पड़ी। जिसके बाद पीड़ित महिला द्वारा मामले की शिकायत कंज्यूमर कोर्ट में की गई थी। कोर्ट ने एविडेंस देखते हुए उक्त संस्थान को चार लाख रुपए का जुर्माना ठका।
बता दें कि कोर्ट के आदेशों को लेकर संस्थान द्वारा पंजाब स्टेट कंज्यूमर कमीशन में चुनौती दी गई थी। मगर वहां से उक्त याचिका का खारिज कर दिया गया था। जस्टिस दया चौधरी और सिमरजीत कौर ने 11 मार्च 2020 को आए कंज्यूमर कोर्ट जालंधर के आदेशों को बरकरार रखा। वहीं, अगर समय से भुगतान नहीं किया गया तो जुर्माना राशि पर ब्याज भी देना होगा।