डिप्टी कमिशनर ने लिया प्रोजेक्ट की प्रगति का जायज़ा
बिजली के बिल में 50 प्रतिशत कटौती के इलावा यादगार को बिजली उत्पादन में आत्म निर्भर बनाना
लोगों को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को श्रद्धांजली देने के लिए यादगार का दौरा करने की अपील
जालंधर, 25 मार्च (धर्मेन्द्र सौंधी) : जंग -ए -आज़ादी यादगार को बिजली उत्पादन में स्व -निर्भर बनाने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए डिप्टी कमिशनर -कम -मुख्य कार्यकारी अधिकारी घनश्याम थोरी ने आज यादगार का दौरा करके वहां 350 किलोवाट के सोलर प्लांट की स्थापना के काम की प्रगति का जायज़ा लिया। इस प्राजैकट पर 1,43,37,166 रुपए की लागत आयेगी और यह डेढ़ महीने तक पूरा हो जायेगा।
इस सम्बन्धित जानकारी देते हुए डिप्टी कमिशनर ने बताया कि इस प्लांट को स्थापित करने का मुख्य मंतव्य बिजली पैदा करने के लिए सोलर ऊर्जा का प्रयोग करना है। उन्होंने कहा कि यह प्लांट बिजली की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए यादगार के लिए बहुत लाभदायक साबित होगा। घनश्याम थोरी ने कहा कि यह कदम यादगार को बिजली उत्पादन में स्व -निर्भर बना कर जंग -ए -आज़ादी कंपलैक्स में विकास के एक नये युग की शुरूआत करेगा।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने आगे बताया कि इस प्लांट की स्थापना के साथ बिजली बिल के बोझ में करीब 50 प्रतिशत की कमी आयेगी क्योंकि यह सभी कम्पलैकस को सोलर प्लांट के द्वारा पैदा की शुद्ध बिजली स्पलाई करेगा। उन्होंने कहा कि यह प्लांट इस कंपलैक्स की बिजली स्पलाई को बढ़ाने साथ-साथ सरवओतम प्रयोग को यकीनी बनाने में भी सहायक सिद्ध होगा।
इस प्राजैकट को निर्धारित समय में पूरा करने के लिए सम्बन्धित आधिकारियों को निर्देश देते हुए डिप्टी कमिशनर ने कहा कि उनकी तरफ से रोज़ के आधार पर प्रगति का जायज़ा लिया जायेगा और इस काम में किसी भी तरह की अनावश्यक देरी को सहन नहीं किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि यह यादगार राष्ट्रीय आज़ादी संग्राम में पंजाबियों के महान और बेमिसाल योगदान को दिखाती है और युवाओं में राष्ट्रवाद और देश भक्ति की भावना का संचार करती है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हर किसी को जंग -ऐ -आज़ादी यादगार का दौरा करना चाहिए, क्योंकि अब कोविड -19 महामारी का प्रभाव भी कम हो गया है। उन्होंने कहा कि आज़ादी संग्रामियों के योगदान को याद करने और उनको श्रद्धांजली भेंट करने के लिए इस स्थान का दौरा करना हमारे लिए बहुत अहम है।