चंडीगढ़ (ब्यूरो): केंद्र सरकार की ओर से पंजाब में सीमा सुरक्षा बल को सीमा के 50 किमी अंदर सर्च करने के अधिकार देने पर पंजाब की राजनीति गर्मा गई है। बुधवार को सीएम चन्नी, डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा और सुखबीर बादल ने इसका विरोध किया था। मामले को लेकर वीरवार को सुखबीर बादल अकाली दल नेताओं के साथ राजभवन पहुंच गए हैं। उन्होंने बीएसएफ के अधिकार बढ़ाने को लेकर नाराजगी जताई है। सुखबीर बादल और अकाली दल नेता राज भवन के सामने धरने पर बैठ गए हैं। चंडीगढ़ पुलिस ने सुखबीर समेत सभी अकाली दल के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
सुखबीर बादल ने कहा कि इससे पहले केंद्र सरकार ने इन कृषि कानून बनाकर राज्यों के अधिकार पर कब्जा करने की कोशिश की, अब बीएसएफ की सीमा 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने से एक और कदम संघवाद के खिलाफ उठाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्यों को इतना मजबूर ना किया जाए। सुखबीर बादल ने कहा कि केंद्र को हर राज्यों की जरूरत के बारे नहीं पता। राज्य मजबूत होंगे तो ही देश मजबूत होगा।
पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि अकाली दल की एक बड़ी मीटिंग जल्द ही बुलाई जाएगी। इस मुद्दे पर लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि पंजाब के अधिकारों के लिए पहले ही बहुत बड़ी कुर्बानियां दी गई हैं, अब भी कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटा जाएगा।
कांग्रेस के पूर्व पंजाब प्रधान सुनील जाखड़ ने भी ट्विटर पर लिखा कि हमारे जवान देश की सुरक्षा के लिए हैं। इन उपयोग राजनीति चमकाने और असफलताएं छिपाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। अपनी ट्वीट में उन्होंने जवानों से मुलाकात की एक तस्वीर भी लगाई है।
बता दें कि बुधवार को केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल को दस राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा से 50 किमी अंदर तलाशी, संदिग्ध व्यक्तियों की गिरफ्तारी और सामान जब्त करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद पंजाब में विरोध तेज हो गया है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इसे राज्य के अधिकारों का हनन और संघवाद पर हमला बताया है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करने का वक्तव्य दिया है।