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कोरोना फिर पैदा कर सकता है 2021 वाला माहौल! विशेषज्ञों की ये है राय

दिल्ली, 02 अप्रैल (ब्यूरो) : कोरोना ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। देश में 18 हजार के आसपास कोरोना के सक्रिय मरीज हो गए हैं। बड़े शहरों में खासतौर पर दिल्‍ली और महाराष्‍ट्र में बढ़ते कोरोना के केसों ने चिंता पैदा कर दी है। यहां सैकड़ों की संख्‍या में रोजाना कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं। कोरोना की गति को देखते हुए महाराष्‍ट्र के अस्‍पतालों में मास्‍क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। जबकि बुजुर्गों और बच्‍चों को खासतौर पर एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। इस बार कोरोना का वेरिएंट भी पहले से अलग है, ऐसे में डर की बात यह है कि कहीं ये कोरोना की नई लहर की आहट तो नहीं है? 

 

दिल्‍ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (AIIMS) के पूर्व निदेशक डॉ. महेश चंद्र मिश्र कहते हैं कि कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इनका बढ़ना संभव भी है। कोरोना वायरस को लेकर काफी समय से कहा जा रहा है कि यह खत्‍म नहीं हुआ है। यह हम सभी के आसपास ही बना हुआ है। चूंकि वायरस बार-बार म्‍यूटेट होता रहता है, जिंदा रहने के लिए अपना स्‍वरूप बदलता रहता है तो यही कोरोना वायरस भी कर रहा है। कई बार कोई रूप खतरनाक हो जाता है, जबकि कई बार यह सामान्‍य रूप से बिना बहुत ज्‍यादा प्रभावित किए निकल जाता है।

 

डॉ. मिश्र कहते हैं कि कोरोना से बचाव के लिए आज लोगों के शरीर में वैक्‍सीन से बनी हुई और संक्रमण से बनी हुई दोनों इम्‍यूनिटी मौजूद हैं। ऐसे में कोरोना का गंभीर खतरा तो नहीं है, लेकिन इन सभी के बावजूद कोरोना संक्रमित तो कर सकता है, यह बड़ी संख्‍या में भी संक्रमित कर सकता है। इससे बचाव के लिए मास्‍क पहनना सबसे जरूरी है। मास्‍क के लिए सरकार की तरफ से पहनना अनिवार्य करने का आदेश या जुर्माने की घोषणा करना जरूरी नहीं है, बचाव के लिए लोगों को यह खुद ही अपने लिए अनिवार्य समझकर पहनना चाहिए।

 

डॉ. मिश्र कहते हैं कि कोविड का इंफेक्‍शन रोकने के लिए लोगों को सेल्‍फ क्‍वेरेंटीन होना चाहिए। अगर वे कोविड पॉजिटिव हैं तो घर के और बाहर के लोगों में फैलने से रोकें, इसलिए खुद घर पर रुकें। सरकार या किसी एजेंसी के आदेश का इंतजार करने के बजाय जब भी घर से बाहर निकलें तो मास्‍क जरूर पहनें।

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