नई दिल्ली, 22 अप्रैल (ब्यूरो) : देशभर में फिर से कोरोना के मामले बढ़ने शुरू हो गए है। जिसको लेकर कई राज्य सरकारों ने कोरोना की नई गाइडलाइंस जारी कर दी है। वहीं दिल्ली में कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने स्कूलों को बंद न करने का फैसला लेकर महामारी को फैलने से रोकने के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी है।
दिल्ली सरकार ने आज सात बिंदुओं वाली एसओपी जारी की है। दिल्ली सरकार ने कहा है कि हेड ऑफ स्कूल शिक्षकों और अभिभावकों से नियमित रूप से बैठक करें और कोरोना की रोकथाम को लेकर चर्चा करें। इसके साथ टीकाकरण को लेकर बच्चों व उनके अभिभावकों को जागरूक करें।
• स्कूल की सबसे पहली प्राथमिकता ये होनी चाहिए कि सभी स्टाफ और बच्चों का टीकाकरण हो।
• स्कूल में यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी उचित रूप से मास्क पहन रहे हैं। वाश बेसिन व पानी का स्कूलों में पर्याप्त इंतजाम होना चाहिए।
• स्कूल में भीड़-भाड़ न हो, इसकी हेड ऑफ स्कूल की जिम्मेदारी होगी कि वह इस तरफ ध्यान दे।
• बच्चों को उनका लंच शेयर करने से मना किया जाए। कॉमन एरिया का बार-बार सैनिटाइजेशन सुनिश्चित किया जाए। क्लासरूम आदि जगह भी बार-बार साफ हो।
• एंट्री गेट पर भी सैनिटाइजेशन की सुविधा हो।
• रोजाना कोरोना के लक्षणों की जांच की जाए।
• अगर कोई भी ऐसे लक्षण दिखाए तो उसे बाकी लोगों से अलग कर दें और क्वारंटीन रूम में शिफ्ट कर दें। किसी भी बच्चे या शिक्षक व अन्य स्टाफ में ऐसे लक्षण मिले तो जोनल या डिस्ट्रिक्ट अधिकारी को खबर करें ताकि अस्थायी तौर पर स्कूल को बंद किया जाए।
• एंट्री गेट पर स्टाफ तैनात किए जाएं ताकि वहीं से कोविड लक्षण वाले बच्चों या स्टाफ को घर भेजा जा सके। गेट पर ही छात्रों से लेकर शिक्षक तक सबकी थर्मल स्कैनिंग हो। स्कूल, क्लास रूम, लैब और वाशरूम आदि में प्रवेश करते समय ही हाथ साफ करना अनिवार्य होगा।
• अभिभावकों से अनुरोध है कि अगर उनके घर में किसी को कोविड के लक्षण हों तो बच्चे को स्कूल न भेजें।
• हर स्कूल में एक क्वारंटीन रूम होना ही चाहिए ताकि इमरजेंसी के वक्त में इसका इस्तेमाल हो सके।
• रोजाना होने वाले गेस्ट विजिट को रोका जाए। हालांकि इमरजेंसी के टाइम में अभिभावकों को कोविड के अनुसार ही उचित व्यवहार करना होगा।