शिमला, 11 दिसंबर (ब्यूरो) : हिमाचल प्रदेश में बड़ी जीत के बाद कांग्रेस ने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया। कांग्रेस ने सुखविंद्र सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री घोषित किया है। हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू कॉलेज के दिनों में सुबह छोटा शिमला बाजार में दूध और अखबार बेचते थे। इसके बाद कॉलेज जाते थे।
सुखविंद्र सिंह सुक्खू का परिवार पहले कसुम्पटी में रहता था, बाद में छोटा शिमला शिफ्ट हो गया। सुक्खू के साथी रहे पार्षदों ने बताया कि सुखविंद्र सिंह ने आम आदमी का जीवन जीया है। ऐसे में उन्हें पता है कि आम जनता की क्या परेशानियां रहती हैं। उन्होंने बताया कि सुक्खू काफी संघर्षशील और मेहनती हैं। प्रदेश को उनके सीएम बनने से फायदा होगा।
उधर, हिमाचल के नए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का असली राजनीतिक सफर शिमला नगर निगम से शुरू हुआ था। छात्र राजनीति के बाद सुक्खू ने साल 1992 में नगर निगम शिमला में पार्षद पद पर अपना पहला चुनाव लड़ा था। यह चुनाव छोटा शिमला वार्ड से लड़ा गया।
अपने पहले ही चुनाव में सुक्खू ने जीत हासिल की और नगर निगम सदन का हिस्सा बने। उस समय नगर निगम में कांग्रेस की सरकार बनी थी। सदन में भी सुक्खू काफी सक्रिय रहते थे और अपने वार्ड की समस्याओं को प्रमुखता से उठाते थे। साथी पार्षदों के साथ उनका अच्छा मेल मिलाप रहता था।
साल 1997 में दूसरी बार छोटा शिमला वार्ड से पार्षद का चुनाव लड़ा और फिर बड़े अंतर से जीत हासिल की। इस दौरान फिर से कांग्रेस ने ही नगर निगम में सत्ता हासिल की। तत्कालीन महापौर जैनी प्रेम ने बताया कि सदन में सुखविंद्र सिंह सुक्खू काफी सक्रिय रहते थे।
हमेशा जनता से जुड़े कामों को करवाने में आगे रहते थे। जैनी प्रेम ने बताया कि बाद में जब सुक्खू विधायक बने तो उस समय भी उनसे अच्छी बातचीत रही। जब भी मिलते थे तो हमेशा सम्मान देते थे। जब सुक्खू 1992 में पहली पार्षद बने थे तो जैनी प्रेम नगर निगम उपमहापौर थी।
पीसीओ चलाते थे सखविंद्र सुक्खू
प्रदेश के नए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू छोटा शिमला में तिब्बतियन स्कूल के समीप बाबूराम मार्केट में पीसीओ चलाते थे। उनके सहपाठी रामस्वरूप शर्मा व नगर निगम के पूर्व महापौर राकेश शर्मा ने बताया कि सुक्खू जब पार्षद थे, उस दौरान उन्होंने कई सालों तक यहां पीसीओ चलाया। उस दौरान पंडित सुखराम शर्मा केंद्र में दूरसंचार मंत्री थे।