जालंधर 5 अप्रैल (धर्मेंद्र सौंधी) : पंजाब में आम आदमी पार्टी की हवा के बीच जालंधर में निगम चुनाव के बीच सियासत गरमाई हुई है। इस सियासत में कुछ कांग्रेसी जोकि निगम पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहते हैं वे आम आदमी पार्टी की ओर मूव करते दिखाई दे रहे हैं। इनको पार्टी से नहीं कुर्सी से प्यार है। कुछ को मेयर की कुर्सी चाहिए तो कुछ को सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर की, बस कुर्सी चाहिए। आने वाले दिनों में कई कांग्रेसी आप में जा सकते हैं और हाथ का कमजोर होना तय है। वैसे हाथ उसी दिन कमजोर हो गया था जब विधानसभा चुनाव में जुट जाने की बजाय एक दूसरे पर लांछन लगाए जा रहे थे।
इन लांछनों ने बुरी तरह चारों खाने चित्त कर दिया। न मसला हल हुआ न ताली ठोंकी गई बस कांग्रेस मुक्त पंजाब होने की राह साफ हो गई। अब सरकार गंवाने के बाद निगम चुनाव में भी सूपड़ा साफ होता दिख रहा है। इसको अंजाम भी खुद कांग्रेसी ही देंगे। क्योंकि कांग्रेस को कांग्रेसी ही हरा सकते हैं। लेकिन एक बात यह है कि जब ये साढ़े 4 साल निगम में कांग्रेस पार्षद के रूप में कुर्सी संभाले रखने वाले अवसरवादी लोग जब आप का झाड़ू पकड़कर लोगों के बीच जाएंगे तो लोग क्या इनकी अवसरवादिता पहचान नहीं लेंगे? बाकी हमें क्या चलिए छोडि़ए?