कनाडा ने भारत से 41 डिप्लोमैट्स हटाए, चंडीगढ़ समेत कई दफ्तर बंद
कनाडा का VISA हासिल करना होगा मुश्किल
दिल्ली, 20 अक्तूबर (ब्यूरो) : भारत से कनाडा जाने वाले तमाम छात्रों के लिए बड़ी खबर है। आने वाले दिनों कनाडा जाने की इच्छा रखने वाले लोगों को वीजा संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि कनाडा ने अपने 41 राजनयिकों (डिप्लोमैट्स) को भारत से वापस बुला लिया है। इसका सीधा असर वीजा संबंधी सेवाओं पर पड़ेगा।
हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा के बीच चल रहे तनाव के बीच कनाडा ने भारत से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है। इसके चलते चंडीगढ़, मुंबई, बेंगलुरु जैसे शहरों से कनाडा के लिए वीजा सेवाएं बंद हो गई हैं यानि अब इन शहरों से कनाडा जाने के लिए लोगों के दिल्ली आना होगा।
इनमें सबसे बड़ा झटका पंजाबियों के लिए भी जो बच्चे या अभिभावक कनाडा जाने चाहते है उन्हें भी दिल्ली जाकर वीजा प्रोसेसिंग करवानी होगी। चंडीगढ़ में दफ्तर बंद होने से पंजााब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू और कश्मीर के छात्रों को अब दिल्ली जाना पड़ेगा। इससे जहां समय ज्यादा लगेगा तो खर्च भी बढ़ेगा।
62 राजनयिकों में से 41 को हटाया
कनाडा के विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि भारत में कनाडा के 62 राजनयिकों में से 41 को हटा दिया गया है, हालांकि, कनाडा के 21 राजनयिक भारत में ही रहेंगे। जॉली ने कहा कि यह फैसला उनकी राजनयिक छूट खोने के खतरे को देखते हुए लिया गया है।
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि कनाडा भारतीय राजनयिकों को ऐसा करने के लिए धमकी नहीं देगा। जॉली ने कहा कि कर्मचारियों की कमी के कारण, कनाडा को नई दिल्ली को छोड़कर सभी कार्यालयों में व्यक्तिगत राजनयिक सेवाओं को निलंबित करना होगा।
कनाडा वीज़ा में लगेगा अधिक समय
आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने संवाददाताओं से कहा कि वीजा आवेदन केंद्र सामान्य रूप से काम करेंगे क्योंकि वे तीसरे पक्ष द्वारा चलाए जाते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि आवेदनों की प्रोसेसिंग में अब अतिरिक्त समय लगेगा। उन्होंने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत के फैसले से दोनों देशों में नागरिकों की सेवाओं के स्तर पर असर पड़ेगा।
दुर्भाग्य से, हमें चंडीगढ़, मुंबई और बेंगलुरु में अपने वाणिज्य दूतावासों में सभी व्यक्तिगत सेवाओं पर रोक लगानी होगी।” उन्होंने कहा, “जिन कनाडाई लोगों को कांसुलर सहायता की आवश्यकता है, वे अभी भी दिल्ली में हमारे उच्चायोग का दौरा कर सकते हैं और आप अभी भी फोन और ईमेल के जरिए व्यक्तिगत रूप से ऐसा कर सकते हैं।”