लखनऊ, 21 नवंबर (ब्यूरो) : मंगलवार की सुबह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के बेटे को तेज रफ्तार कार ने रौंद दिया था। हादसे के बाद कार चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस ने इस मामले में पुलिस ने सार्थक सिंह और देवश्री वर्मा को गिरफ्तार किया। दोनों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस सार्थक और देवश्री को रिमांड पर लेगी।
दरअसल, मंगलवार सुबह लखनऊ की एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के बेटे की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई थी। वह सुबह घर से स्केटिंग करने के लिए निकला था। लौटते समय जनेश्वर मिश्र पार्क के सामने तेज रफ्तार कार ने उसको टक्कर मार दी थी। घायल को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया था। घटना के बाद से ही पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई थी।
पुलिस ने सार्थक सिंह और देवश्री वर्मा नाम के दो युवकों को गिरफ्तार किया है। सार्थक एमिटी यूनिवर्सिटी में बीबीए का छात्र है और देवश्री वर्मा इंजीनियरिंग का छात्र है। पुलिस ने उनके पास से UP 32 NT 6669 सफेद रंग की एसयूवी कार भी बरामद की है। पुलिस ने बताया है कि एसयूवी कानपुर के रहने वाले ज्वेलर अंशुल वर्मा के नाम पर है। अंशुल आरोपी युवक देवश्री का चाचा है।
पुलिस ने बताया है कि मंगलवार सुबह जब यह घटना हुई। उस दौरान जी 20 रोड पर दोनों आरोपी एसयूवी से रेस लगा रहे थे। इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज के जरिए एसयूवी और आरोपियों की पहचान हुई। पुलिस ने बताया है कि आरोपी सार्थक के पिता रविन्द्र सिंह उर्फ पप्पू बाराबंकी रामनगर से सपा से जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं।
बता दें कि, 10 साल का नैमिश एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव का इकलौता बेटा था। वह मंगलवार सुबह अपने कोच के साथ स्केटिंग सीखने के लिए निकला था। लौटते समय एक सफेद रंग की कार ने उसे जनेश्वर मिश्र पार्क के पास रौंद दिया था।घायल हालत में नैमिश को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
नैमिश की मौत की खबर मिलते ही एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के परिवार में मातम छा गया। वहीं, घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी हरकत में आ गई थी और आरोपियों की पहचान के लिए जुुट गई थी।
बता दें कि, श्वेता श्रीवास्तव पहले लखनऊ में सीओ गोमती नगर के पद पर तैनात रही थीं। वर्तमान में वह एडिशनल एसपी होकर एसआईटी में तैनात हैं। उनके बेटे की मौत की खबर से साथी अधिकारियों में भी शोक की लहर है। लोग घर पहुंचकर उन्हें सांत्वना दे रहे हैं।