जालंधर 13 दिसंबर (धर्मेन्द्र सौंधी) : प्रिंसिपल प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के कुशल मार्गदर्शन में एचएमवी की फ्रायडियन साइकोलॉजिकल सोसायटी ने कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया। संसाधन व्यक्ति सुश्री कोमलदीप कौर, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, सहारा साइकियाट्री एंड नशामुक्ति अस्पताल, भोगपुर का स्वागत पीजी मनोविज्ञान विभाग की प्रमुख डॉ. अश्मीन कौर ने एचएमवी के छात्रों द्वारा एक प्लांटर और पेंटिंग के साथ किया, एक टोकन के रूप में। सराहना की। सुश्री कोमलदीप ने संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी की बुनियादी अवधारणाओं, इसके प्रमुख घटकों और चिकित्सीय वैधता और अनुप्रयोगों पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे सीबीटी विचारों की शिथिलता को खोजने में मदद करता है और व्यवहार और भावनाओं के बीच संतुलन बनाता है। सुश्री कोमलदीप ने दुष्क्रियात्मक व्यवहार की कसौटी पर चर्चा की और बताया कि कैसे यह व्यक्तियों में संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं और उनके मूल विश्वासों को प्रभावित करता है।
उन्होंने चिकित्सा के लक्ष्यों और अनुप्रयोग की तकनीकों जैसे डी-कैटास्ट्रोफाइजिंग, पुनर्वितरण और पुनर्परिभाषित के बारे में विस्तार से बताया। इस मौके पर प्राचार्य डॉ. अजय सरीन ने सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य को लागू करने के लिए अभ्यास के रूप में व्यवहार जांच के महत्व और सीबीटी जैसे चिकित्सीय दृष्टिकोण के महत्व के बारे में भी बात की। कार्यक्रम के दौरान सुश्री कोमलदीप ने समाधान के साथ विभिन्न केस इतिहास पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में मनोविज्ञान विभाग के छात्रों ने भाग लिया जिन्होंने सक्रिय रूप से भाग लिया और प्रश्न पूछे। प्रियांशु बी.ए. कार्यक्रम का संचालन सेम 5 ने किया। संकाय सदस्य सुश्री हरप्रीत, सुश्री श्रुति, सुश्री वंशिका और सुश्री निहारिका भी उपस्थित थीं। बी वोक (एमएचसी) सेम 5 की सुश्री पारुल ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।