पंजाब, 24 जनवरी (ब्यूरो) : डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम 40 दिन की पैरोल पर बाहर आने के साथ ही सुर्खियों में बने हुए है। ये सुर्खियों ही कहीं ना कहीं उनके लिए मुश्किलें पैदा करने वाली है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अब राम रहीम की पैरोल के खिलाफ हाईकोर्ट जाने का फैसला कर लिया है, साथ ही राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने पर हरियाणा की बीजेपी और जेजेपी गठबंधन की सरकार पर सवाल उठाए है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने कहना है पैरोल मिलने की खुशी में राम रहीम ने किरपान से केक काटा था, जिससे सिखों की आस्था को ठेस पहुंची है। श्रीसाहिब सिखों की आस्था से जुड़ा धार्मिक चिन्ह है और गुरु साहिब की ओर से दिए गए 5 ककारों में शामिल है। धामी ने कहा राम रहीम परोल पर बाहर सिखों की आस्था से खिलवाड़ कर रहा है।
SGPC प्रधान धामी ने कहा कि साध्वी से यौन शोषण और पत्रकार की हत्या के आरोपी राम रहीम को एक साल में चौथीं बार पैरौल दी गई, जो गलत है। उन्होंने कहा कि अगर कोई सिख बंदी दूसरी बार पैरोल के लिए एप्लीकेशन दाखिल करता है तो उसे यह कहकर मना कर दिया जाता है कि वो छुट्टी काट चुका है और उसकी पैरोल से जुड़ी एप्लिकेशन रिजेक्ट कर दी जाती है। धामी ने कहा राम रहीम को बार-बार पैरोल दी गई जिसको लेकर अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एप्लीकेशन दायर की जाएगी।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम तलवार से केक काटने के बाद एक और विवाद में घिरते नजर आए थे, गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें उन्होंने तिरंगे के पैटर्न वाली बोतल को ऑर्गेनिक सब्जियों का डेमो देने के बाद नीचे फेंक दिया था, जिसपर विवाद खड़ा होने के बाद राम रहीम ने सफाई देते हुए कहा था वो रंग-बिरंगी बोतलें थी तिरंगा नही।